“मनुष्यों के साथ सदैव उनको, अपने-आप में ‘लक्ष्य’ मानकर व्यवहार करना चाहिए, कभी भी उनको केवल ‘साधन’ नहीं मानना चाहिए।” आधुनिक तकनीकी आर्थिक समाज में इस कथन के निहितार्थों का उल्लेख करते हुए इसका अर्थ और महत्त्व स्पष्ट कीजिए।(150 words) [UPSC 2014]
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कथन का अर्थ और महत्त्व
“मनुष्यों के साथ सदैव उनको, अपने-आप में ‘लक्ष्य’ मानकर व्यवहार करना चाहिए, कभी भी उनको केवल ‘साधन’ नहीं मानना चाहिए” का तात्पर्य है कि हर व्यक्ति की अंतर्निहित मूल्य और सम्मान है। यह विचारक इमैनुएल कांट की नैतिकता पर आधारित है, जिसमें व्यक्ति को स्वयं में पूर्णता के रूप में देखा जाता है, न कि केवल किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक साधन के रूप में।
आधुनिक तकनीकी आर्थिक समाज में निहितार्थ
आज के डिजिटल युग में, प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। कंपनियों जैसे अमेज़न और ट्विटर अक्सर उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी का व्यापार करते हैं, जो कभी-कभी उन्हें केवल डेटा के संसाधन के रूप में मानते हैं। यह सिद्धांत यहां लोगों की निजता और अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि वे केवल व्यापारिक लाभ के साधन न बनें।
वहीं, गिग इकोनॉमी में फ्रीलांसर और कॉन्ट्रैक्टर के अधिकार भी अक्सर नजरअंदाज होते हैं। इनके साथ सम्मानजनक व्यवहार, उचित वेतन और सुरक्षा प्रदान करना यह सुनिश्चित करता है कि ये श्रमिक केवल काम के साधन नहीं, बल्कि स्वतंत्र और सम्मानित व्यक्ति हैं।
इस प्रकार, इस सिद्धांत का पालन करके हम एक अधिक नैतिक और मानवतावादी समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।