देश में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के संदर्भ में इनकी वर्तमान स्थिति और प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों का विवरण दीजिए। प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एल० ई० डी०) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के महत्त्व की विवेचना संक्षेप में कीजिए। (200 words) [UPSC 2016]
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देश में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की वर्तमान स्थिति और प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य
भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और इसका उद्देश्य 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है। वर्तमान में, भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 176 गीगावॉट है, जिसमें प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं:
भारत की सौर ऊर्जा क्षमता लगभग 61 गीगावॉट है। सौर पार्कों और सौर Rooftop परियोजनाओं ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2023 में, भारत ने 30,000 मेगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य पूरा किया।
भारत की पवन ऊर्जा क्षमता लगभग 42 गीगावॉट है। तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों में बड़े पवन ऊर्जा पार्क स्थापित किए गए हैं।
बायोमास और छोटे जलविद्युत परियोजनाएँ मिलाकर लगभग 27 गीगावॉट की क्षमता है।
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का महत्त्व
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम ने ऊर्जा दक्षता में क्रांति ला दी है। इसके महत्त्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
LED बल्ब पारंपरिक इन्कैंडसेंट बल्बों की तुलना में 80% तक अधिक ऊर्जा बचाते हैं। 2019 में, भारत ने लगभग 36 करोड़ LED बल्ब वितरित किए, जिससे बिजली की बचत में योगदान मिला।
LED बल्ब की लंबी उम्र और कम ऊर्जा खपत से लंबे समय तक लागत में कमी आई है। यह गरीब और ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा खर्च को कम करने में मदद करता है।
LEDs की कम ऊर्जा खपत और कम कार्बन उत्सर्जन से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे भारत की जलवायु लक्ष्यों की दिशा में प्रगति हुई है।
निष्कर्ष
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति और LED पर राष्ट्रीय कार्यक्रम दोनों ही ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। ये उपाय भारत को सतत विकास की ओर अग्रसर करने में सहायक हैं।