नीली क्रांति’ को परिभाषित करते हुए भारत में मत्स्यपालन की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये । (250 words) [UPSC 2018]
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नीली क्रांति: परिभाषा और भारत में मत्स्यपालन की समस्याएँ एवं रणनीतियाँ
नीली क्रांति की परिभाषा
‘नीली क्रांति’ का तात्पर्य मत्स्यपालन के क्षेत्र में उत्पादकता और तकनीकी सुधार से है, जो कि पानी आधारित संसाधनों के प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए लागू किया जाता है। इसे ‘फिशरी क्रांति’ भी कहा जाता है, जिसका उद्देश्य मछली उत्पादन में वृद्धि करना और इसे आर्थिक लाभ का स्रोत बनाना है।
भारत में मत्स्यपालन की समस्याएँ
रणनीतियाँ
हालिया उदाहरण
मछली पालन में तकनीकी सुधार: भारत में ‘नीली क्रांति’ के तहत, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मत्स्य पालन योजना को लागू किया है, जो आधुनिक तकनीकों और अवसंरचना सुधार को बढ़ावा देती है। इसके अंतर्गत “सागर मित्रा” परियोजना भी शुरू की गई है, जो मछली उत्पादन में वृद्धि और मछुआरों के जीवन स्तर में सुधार के लिए काम कर रही है।
इन रणनीतियों और सुधारों के माध्यम से, भारत में मत्स्यपालन क्षेत्र को अधिक सक्षम और सतत बनाया जा रहा है, जो न केवल उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर रहा है, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित कर रहा है।