वैश्विक तापन का प्रवाल जीवन तंत्र पर प्रभाव का, उदाहरणों के साथ, आकलन कीजिए । (250 words) [UPSC 2019]
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वैश्विक तापन का प्रवाल जीवन तंत्र पर प्रभाव
1. प्रवाल विरंजन (Coral Bleaching):
वैश्विक तापन के कारण समुद्र के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे प्रवाल विरंजन की समस्या उत्पन्न होती है। जब समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है, तो प्रवाल अपने अंदर स्थित शैवाल (ज़ोक्सैन्थेली) को निष्कासित कर देते हैं, जिससे प्रवाल रंगहीन और कमजोर हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, ग्रेट बैरियर रीफ में 2016 और 2017 में भारी प्रवाल विरंजन देखा गया, जिससे वहां की जैव विविधता पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
2. महासागरीय अम्लीकरण (Ocean Acidification):
बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन से महासागरों में अम्लीकरण हो रहा है, जिससे प्रवालों के कैल्शियम कार्बोनेट ढांचे का निर्माण प्रभावित होता है। यह प्रवालों को कमजोर बना देता है और उनके विकास को धीमा कर देता है। उदाहरण के लिए, कैरेबियन सागर के प्रवाल भित्तियों में अम्लीकरण के कारण क्षरण हो रहा है।
3. समुद्री जैव विविधता का ह्रास:
प्रवाल भित्तियाँ समुद्री जीवन के लिए आवास का काम करती हैं। जब प्रवाल विरंजन और अम्लीकरण के कारण प्रवाल नष्ट हो जाते हैं, तो वहां रहने वाली कई प्रजातियाँ अपना आवास खो देती हैं। उदाहरण के लिए, कोरल ट्राएंगल क्षेत्र, जो विश्व की सबसे समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है, प्रवाल क्षरण के कारण संकट में है।
4. तटीय सुरक्षा में कमी:
प्रवाल भित्तियाँ तटों को समुद्री तूफानों और लहरों से बचाती हैं। प्रवालों के नष्ट होने से तटों की प्राकृतिक सुरक्षा कम हो जाती है, जिससे मालदीव और फिजी जैसे द्वीपीय देशों में तटीय क्षरण और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
निष्कर्ष:
वैश्विक तापन के कारण प्रवाल जीवन तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। प्रवाल विरंजन, महासागरीय अम्लीकरण, और समुद्री जैव विविधता में ह्रास जैसी समस्याओं से प्रवाल भित्तियों की सुरक्षा आवश्यक हो गई है। यह पर्यावरणीय संतुलन और समुद्री जीवन के संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।