जल प्रतिबल (वाटर स्ट्रैस) का क्या मतलब है ? भारत में यह किस प्रकार और किस कारण प्रादेशिकतः भिन्न-भिन्न है ? (250 words) [UPSC 2019]
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जल प्रतिबल (वाटर स्ट्रेस) का अर्थ और भारत में प्रादेशिक भिन्नताएँ
जल प्रतिबल का अर्थ
जल प्रतिबल (Water Stress) उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी क्षेत्र में जल की मांग उपलब्ध जल आपूर्ति से अधिक हो जाती है, या जल की गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वह उपयोग के योग्य नहीं रहती। इसका प्रमुख कारण अत्यधिक जल दोहन, जलवायु परिवर्तन और तेजी से बढ़ती जनसंख्या है, जिससे कृषि, उद्योग और घरेलू जरूरतों के लिए जल की कमी हो जाती है। भारत में जल प्रतिबल एक गंभीर समस्या है, जो विभिन्न क्षेत्रों में जल उपलब्धता और उपयोग के आधार पर अलग-अलग है।
भारत में जल प्रतिबल की प्रादेशिक भिन्नताएँ
निष्कर्ष
भारत में जल प्रतिबल जलवायु, भूगोल और जल प्रबंधन प्रणालियों के आधार पर क्षेत्रीय रूप से भिन्न-भिन्न है। इस समस्या से निपटने के लिए जल संरक्षण, सतत कृषि, और नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है, ताकि सभी क्षेत्रों में जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।