उष्णकटिबंधीय देशों में खाद्य सुरक्षा पर जलवायु परिवर्तन के परिणामों की विवेचना कीजिए। ( 150 Words) [UPSC 2023]
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उष्णकटिबंधीय देशों में खाद्य सुरक्षा पर जलवायु परिवर्तन के परिणाम
कृषि उत्पादन पर प्रभाव: उष्णकटिबंधीय देशों में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि और वर्षा के पैटर्न में असंतुलन हो रहा है, जिससे फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उदाहरणस्वरूप, भारत और बांग्लादेश में बाढ़ और सूखे की बढ़ती आवृत्ति ने धान और गेहूं जैसी मुख्य फसलों की पैदावार को प्रभावित किया है। वर्ष 2023 में अल-नीनो प्रभाव के कारण भारत के कई हिस्सों में सूखा पड़ा, जिससे खाद्य उत्पादन में कमी आई।
खाद्य कीमतों में अस्थिरता: जलवायु परिवर्तन के कारण फसल विफलताओं से खाद्य कीमतों में अस्थिरता आई है, जिससे गरीब और विकासशील देशों में खाद्य असुरक्षा बढ़ी है। अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में, जहां कृषि पहले से ही जलवायु के प्रति संवेदनशील है, फसल उत्पादन में गिरावट और मवेशी हानि से खाद्य संकट बढ़ रहा है।
पोषण सुरक्षा पर प्रभाव: जलवायु परिवर्तन से कृषि उत्पादन में गिरावट का सीधा असर पोषण सुरक्षा पर पड़ता है। उष्णकटिबंधीय देशों में, विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण एशिया में, जलवायु परिवर्तन के कारण कुपोषण और भुखमरी के मामले बढ़ रहे हैं।
इस प्रकार, जलवायु परिवर्तन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा को गहराई से प्रभावित कर रहा है, जिसके लिए अनुकूलन और शमन रणनीतियों की आवश्यकता है।