संगठित अपराध को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ की भूमिका का वर्णन कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
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उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ की भूमिका: संगठित अपराध को रोकने में योगदान
1. विशेष कार्य और गठन: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को संगठित अपराधों, जैसे हथियारों की तस्करी, ड्रग्स का व्यापार, और मुख्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष रूप से गठित किया गया है। STF की स्थापना 1998 में की गई थी, और इसका उद्देश्य गंभीर और जटिल अपराधों से निपटना है।
2. अनुसंधान और खुफिया संग्रहण: STF उच्च स्तरीय अनुसंधान और खुफिया संग्रहण पर ध्यान केंद्रित करती है। यह विशेष अपराधियों की गतिविधियों पर नज़र रखती है और गुप्त सूचना एकत्र करती है। उदाहरण के लिए, STF ने हाल ही में लखनऊ और वाराणसी में बड़े हथियार तस्कर और ड्रग कार्टेल के रैकेट को उजागर किया है।
3. ऑपरेशन और कार्रवाई: STF विशेष अभियानों और सर्च ऑपरेशनों का संचालन करती है, जो संगठित अपराधियों को पकड़ने में सहायक होते हैं। इसके अंतर्गत, सर्विसलेस बिल्डिंग जैसे ऑपरेशनों में सख्त कार्रवाइयाँ की जाती हैं। STF ने हाल ही में अलीगढ़ में एक बड़े माफिया नेटवर्क को ध्वस्त किया।
4. समन्वय और सहयोग: STF अन्य सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करती है, जिससे ऑपरेशनों की प्रभावशीलता बढ़ती है। यह एनसीबी, डीआरआई, और सीबीआई जैसी एजेंसियों के साथ भी सहयोग करती है।
5. प्रशिक्षण और संसाधन: STF को अत्याधुनिक हथियार, तकनीकी उपकरण, और विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि STF के कर्मी संगठित अपराध के आधुनिक तरीकों और तकनीकों से निपटने में सक्षम हों।
संक्षेप में, उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स संगठित अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी विशेष कार्यशैली, गुप्त खुफिया जानकारी, और प्रभावी कार्रवाई संगठित अपराधियों पर अंकुश लगाने में सहायक होती है।