प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023]
दीर्घ ज्वार कब उत्पन्न होते हैं?
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दीर्घ ज्वार (Spring Tides) वे ज्वार होते हैं जिनमें समुद्र की लहरें अत्यधिक ऊँचाई तक पहुँचती हैं और लुढ़कने की ऊँचाई भी अत्यधिक कम हो जाती है। ये ज्वार तब उत्पन्न होते हैं जब चंद्रमा और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर एकसाथ कार्य करती है। इसका परिणाम होता है अधिकतम ज्वारीय अंतर (Tidal Range), जिससे समुद्र की लहरें बहुत ऊँचाई पर जाती हैं और निम्न ज्वार बहुत नीचे चले जाते हैं।
दीर्घ ज्वार के उत्पन्न होने के प्रमुख समय:
दीर्घ ज्वार तब उत्पन्न होते हैं जब चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी के एक ही सीध में होते हैं। यह संरेखण दो स्थितियों में होता है:
दीर्घ ज्वार के दौरान ज्वारीय अंतर अधिकतम होता है। इसका मतलब है कि उच्च ज्वार बहुत ऊँचा होता है और निम्न ज्वार बहुत नीचे चला जाता है। यह अत्यधिक ज्वारीय अंतर तटीय क्षेत्रों में प्रमुख प्रभाव डाल सकता है, जैसे तटीय कटाव और बाढ़।
दीर्घ ज्वार लगभग हर दो हफ्ते में होते हैं, जब नया चाँद और पूर्ण चाँद आते हैं। इन्हें ज्वारीय चार्ट और खगोलशास्त्रीय डेटा के माध्यम से पूर्वानुमानित किया जा सकता है। तटीय समुदाय अक्सर इन ज्वारों के लिए तैयार रहते हैं ताकि मछली पकड़ने, शिपिंग, और तटीय संरचनाओं पर संभावित प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके।
निष्कर्ष
दीर्घ ज्वार तब उत्पन्न होते हैं जब चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी के साथ एक संरेखण में होते हैं, विशेषकर नए चाँद और पूर्ण चाँद के दौरान। इन ज्वारों का ज्वारीय अंतर अधिकतम होता है, जिससे समुद्र की लहरें उच्च और निम्न सीमा तक जाती हैं। हाल के उदाहरण जैसे चक्रवात अम्फान और जापान की सुनामी ने यह प्रदर्शित किया है कि दीर्घ ज्वारों की समझ और पूर्वानुमान तटीय प्रबंधन और आपदा तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।