प्रश्न का उत्तर अधिकतम 10 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 02 अंक का है। [MPPSC 2023]
अरस्तू के अनुसार, चार कारणों का उल्लेख कीजिए।
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
अरस्तू के अनुसार चार कारण
प्राचीन यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने वस्तुओं के अस्तित्व और परिवर्तनों की व्याख्या के लिए चार कारणों के सिद्धांत (Doctrine of Four Causes) को प्रस्तुत किया। यह सिद्धांत यह समझने में मदद करता है कि किसी वस्तु या घटना के पीछे क्या कारण होते हैं। ये चार कारण हैं: भौतिक कारण, औपचारिक कारण, क्रियात्मक कारण, और अंतिम कारण। प्रत्येक कारण किसी विशेष पहलू से वस्तु के अस्तित्व की व्याख्या करता है।
1. भौतिक कारण (Material Cause)
भौतिक कारण उस पदार्थ या सामग्री को दर्शाता है जिससे कोई वस्तु बनी होती है। यह प्रश्न का उत्तर देता है, “यह किससे बना है?”
2. औपचारिक कारण (Formal Cause)
औपचारिक कारण किसी वस्तु की संरचना, रूप या डिज़ाइन को दर्शाता है। यह प्रश्न का उत्तर देता है, “इसका आकार या स्वरूप क्या है?” औपचारिक कारण उस वस्तु की परिभाषा या उसकी पहचान को बताता है।
3. क्रियात्मक कारण (Efficient Cause)
क्रियात्मक कारण वह कारण या एजेंट है जो किसी वस्तु को अस्तित्व में लाता है। यह प्रश्न का उत्तर देता है, “किसने इसे बनाया?”
4. अंतिम कारण (Final Cause)
अंतिम कारण किसी वस्तु या घटना के होने का उद्देश्य या उद्देश्य को दर्शाता है। यह प्रश्न का उत्तर देता है, “इसका उद्देश्य क्या है?” अरस्तू के अनुसार, यह सबसे महत्वपूर्ण कारण है क्योंकि यह किसी वस्तु के अंतिम लक्ष्य या उद्देश्य की व्याख्या करता है।
निष्कर्ष
अरस्तू के चार कारण वस्तुओं और घटनाओं के अस्तित्व की व्यापक समझ प्रदान करते हैं। आधुनिक संदर्भों में यह सिद्धांत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शासन के विभिन्न क्षेत्रों में लागू होता है। इन कारणों को समझने से किसी घटना या वस्तु के पीछे की जटिलताओं को सुलझाया जा सकता है, जैसा कि अरस्तू ने विश्व को एक संरचित दृष्टिकोण से समझाने का प्रयास किया था।