प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023]
स्वतन्त्रता के पश्चात भारत में कितने प्रकार की दलीय व्यवस्था देखी गयी है?
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स्वतंत्रता के पश्चात भारत में दलीय व्यवस्था ने विभिन्न चरणों में परिवर्तन देखा है। यहाँ पर प्रमुख दलीय व्यवस्थाओं की सूची दी गई है:
1. एक-पार्टी प्रधिनिधि प्रणाली (One-Party Dominance System)
विवरण: स्वतंत्रता के बाद पहले कुछ दशकों तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने एक प्रमुख भूमिका निभाई। इस अवधि में कांग्रेस का एकाधिकार सा बन गया था और पार्टी की वर्चस्वता के चलते अन्य राजनीतिक दलों की भूमिका सीमित रही।
उदाहरण:
2. बहु-पार्टी प्रणाली (Multi-Party System)
विवरण: 1970 के दशक से भारत में बहु-पार्टी प्रणाली का उदय हुआ। इस समय विभिन्न क्षेत्रीय दलों ने महत्व प्राप्त किया और भारतीय राजनीति में विविधता आ गई।
उदाहरण:
3. कोलिशन राजनीति और विभाजन (Coalition Politics and Fragmentation)
विवरण: 1990 के दशक से लेकर वर्तमान तक भारत में कोलिशन राजनीति का एक नया दौर शुरू हुआ। इस अवधि में कई दलों के बीच गठबंधन की आवश्यकता पड़ी, और केंद्रीय राजनीति में विभिन्न गठबंधन सरकारें बनीं।
उदाहरण:
4. द्विदलीय प्रणाली की ओर प्रवृत्ति (Trend Towards Bipartisan System)
विवरण: हाल के वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर एक द्विदलीय प्रणाली की प्रवृत्ति देखी गई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) प्रमुख दल बन गए हैं, हालांकि क्षेत्रीय दलों का प्रभाव राज्य स्तर पर बना हुआ है।
उदाहरण:
इन विभिन्न दलीय व्यवस्थाओं ने भारतीय राजनीति की जटिलता और विविधता को दर्शाया है और देश की राजनीतिक स्थिति की गहराई को समझने में मदद की है।