आज हम देखते हैं कि आचार संहिताओं के निर्धारण, सतर्कता सेलों/आयोगों की स्थापना, आर० टी० आइ०, सक्रिय मीडिया और विधिक यांत्रिकत्वों के प्रबलन जैसे विभिन्न उपायों के बावजूद भ्रष्टाचारपूर्ण कर्म नियंत्रण के अधीन नहीं आ रहे हैं।
a. इन उपायों की प्रभावशीलता का औचित्य बताते हुए मूल्यांकन कीजिए।
b. इस खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक प्रभावी रणनीतियाँ सुझाइए। (150 words) [UPSC 2015]
भ्रष्टाचार नियंत्रण के उपायों का मूल्यांकन
1. आचार संहिताएँ और सतर्कता आयोग
प्रभावशीलता:
औचित्य:
चुनौतियाँ:
2. आरटीआई (सूचना का अधिकार)
प्रभावशीलता:
औचित्य:
चुनौतियाँ:
3. सक्रिय मीडिया
प्रभावशीलता:
औचित्य:
चुनौतियाँ:
4. विधिक यांत्रिकत्व
प्रभावशीलता:
औचित्य:
चुनौतियाँ:
सुझाई गई रणनीतियाँ
1. whistleblower सुरक्षा को मजबूत करना
रणनीति:
औचित्य:
2. डिजिटल पारदर्शिता को अपनाना
रणनीति:
औचित्य:
3. न्यायिक सुधार
रणनीति:
औचित्य:
4. सार्वजनिक शिक्षा और भागीदारी
रणनीति:
औचित्य:
निष्कर्ष: हालांकि मौजूदा उपायों ने कुछ प्रभाव डाला है, लेकिन whistleblower सुरक्षा, डिजिटल पारदर्शिता, और न्यायिक सुधार जैसे रणनीतियाँ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान कर सकती हैं।