आप अनाप-शनाप न सहने वाले, ईमानदार अधिकारी हैं। आपका तबादला एक सुदूर जिले में एक ऐसे विभाग के प्रमुख के रूप में कर दिया गया है, जो अपनी अदक्षता और संवेदनहीनता के लिए कुख्यात है। आप पाते हैं कि इस घटिया कार्य-स्थिति का मुख्य कारण कर्मचारियों के एक भाग में अनुशासनहीनता है। वे स्वयं तो कार्य करते नहीं हैं और दूसरों के कार्य में भी गड़बड़ी पैदा करते हैं। सबसे पहले आपने उत्पातियों को सुधर जाने की, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। जब इस चेतावनी का ना के बराबर असर हुआ, तब आपने नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बदले के रूप में उन्होंने अपने बीच की एक महिला कर्मचारी को आपके विरुद्ध महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की एक शिकायत दायर करने के लिए भड़का दिया। आयोग ने तुरन्त आपका स्पष्टीकरण माँगा। आपको इससे आगे भी लज्जित करने के लिए मामला मीडिया में भी प्रसारित किया गया। इस स्थिति से निपटने के विकल्पों में से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं : (i) आयोग को अपना स्पष्टीकरण दे दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई पर नरमी बरतिए। (ii) आयोग को नज़रअंदाज़ कर दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई को मज़बूती के साथ आगे बढ़ाइए। (iii) अपने उच्च अधिकारियों को संक्षेप में अवगत करा दीजिए, उनसे निर्देश माँगिए और उनके अनुसार कार्य कीजिए। कोई अन्य सम्भव विकल्प सुझाइए। सभी का मूल्यांकन कीजिए और अपने कारण बताते हुए सबसे अच्छा विकल्प स्पष्ट कीजिए। (250 words)[UPSC 2014]
एक ईमानदार अधिकारी के रूप में, जब आप अनुशासनहीनता और अन्य गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं और आपके खिलाफ प्रतिशोधात्मक आरोप लगाए गए हैं, तो सही रणनीति अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ इस स्थिति में उपलब्ध विकल्पों का विश्लेषण और सबसे उचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
विकल्पों का मूल्यांकन
सर्वोत्तम विकल्प
उच्च अधिकारियों को संक्षेप में अवगत कराना और एक निष्पक्ष जांच शुरू करना सबसे उपयुक्त विकल्प है। यह रणनीति निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है:
निष्कर्ष
सही और प्रभावी समाधान के लिए, उच्च अधिकारियों को सूचित करना और निष्पक्ष जांच शुरू करना सबसे उपयुक्त मार्ग है। इससे आप विभाग की समस्याओं को ठीक से हल कर सकेंगे और अपनी ईमानदारी और पेशेवरता को बनाए रख सकेंगे।