मान लीजिए कि आपके निकट मित्रों में से एक, जो स्वयं सिविल सेवा में जाने के लिए प्रयत्नशील है, वह लोक-सेवा में नैतिक आचरण से सम्बन्धित कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आपके पास आता है। वह निम्नलिखित बिन्दुओं को उठाता है:
a. आज के समय में, जब अनैतिक वातावरण काफ़ी फैला हुआ है, नैतिक सिद्धान्तों से चिपके रहने के व्यक्तिगत प्रयास, व्यक्ति के कैरियर में अनेक समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। ये परिवार के सदस्यों पर कष्ट पैदा करने और साथ ही साथ स्वयं के जीवन पर जोखिम का कारण भी बन सकते हैं। हम क्यों न व्यावहारिक बनें और न्यूनतम प्रतिरोध के रास्ते का अनुसरण करें, और जितना अच्छा हम कर सकें, उसे ही करके प्रसन्न रहें?
b. जब इतने अधिक लोग ग़लत साधनों को अपना रहे हैं और तंत्र को भारी नुक़सान पहुँचा रहे हैं, तब क्या फ़र्क़ पड़ेगा यदि केवल कुछ एक लोग ही नैतिकता की चेष्टा करें? वे अप्रभावी ही रहेंगे और निश्चित रूप से अन्ततः निराश हो जाएँगे।
c. यदि हम नैतिक सोच-विचार के बारे में अधिक बतंगड़ बनाएँगे, तो क्या इससे देश की आर्थिक उन्नति में रुकावट नहीं आएगी? असलियत में, उच्च प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में, हम विकास की दौड़ में पीछे छूट जाने को सहन नहीं कर सकते।
d. यह तो समझ आता है कि भारी अनैतिक तौर-तरीकों में हमें फँसना नहीं चाहिए, लेकिन छोटे-मोटे उपहारों को स्वीकार करना और छोटी-मोटी तरफ़दारियाँ करना सभी के अभिप्रेरण में वृद्धि कर देता है। यह तंत्र को और भी अधिक सुचारु बना देता है। ऐसे तौर-तरीकों को अपनाने में ग़लत क्या है? उपरोक्त दृष्टिकोणों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। इस विश्लेषण के आधार पर अपने मित्र को आपकी क्या सलाह रहेगी? (250 words)[UPSC 2014]
समालोचनात्मक विश्लेषण और सलाह
a. नैतिक सिद्धान्तों की रक्षा और व्यावहारिकता
जब अनैतिक वातावरण व्यापक हो, तो नैतिक सिद्धान्तों के प्रति समर्पण कठिन हो सकता है, और इससे करियर, परिवार, और जीवन पर जोखिम पैदा हो सकते हैं। हालांकि, नैतिकता से समझौता करने से दीर्घकालिक परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं। अमिताभ कांत, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक उदाहरण हैं, ने विभिन्न चुनौतियों का सामना किया लेकिन अपनी नैतिकता को बनाए रखा और प्रभावी ढंग से कार्य किया। नैतिक सिद्धान्तों के प्रति प्रतिबद्धता अंततः सम्मान और स्थायी सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।
b. नैतिकता की प्रभावशीलता
हालांकि कुछ लोग ही नैतिकता का पालन करें, उनका प्रयास दीर्घकालिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण होता है। डॉ. वीरगोस कुरियन, जो दूध क्रांति के जनक हैं, ने अकेले भी बड़ी बदलाव लाने में योगदान दिया। एक व्यक्ति या कुछ लोगों का नैतिक प्रयास व्यापक बदलाव का प्रेरणास्त्रोत बन सकता है।
c. नैतिकता और आर्थिक उन्नति
नैतिकता आर्थिक विकास के विपरीत नहीं है। उच्च नैतिक मानक और पारदर्शिता आर्थिक स्थिरता और विकास में सहायक होते हैं। डेनमार्क और स्वीडन जैसे देश, जो उच्च नैतिक मानकों को अपनाते हैं, ने आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्टता प्राप्त की है। नैतिकता की उपेक्षा से भ्रष्टाचार और दीर्घकालिक आर्थिक नुकसान हो सकता है।
d. छोटे उपहार और इधर-उधर की तरफ़दारियाँ
छोटे उपहार और छोटे फायदे तात्कालिक लाभ प्रदान कर सकते हैं, लेकिन यह एक सड़ी-गली प्रक्रिया की शुरुआत कर सकते हैं। 2016 का पनामा पेपर्स लीक इस बात का प्रमाण है कि छोटी-मोटी अनैतिकता बड़ी समस्याओं का रूप ले सकती है। इससे सार्वजनिक विश्वास और प्रणाली की दक्षता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सलाह
आपके मित्र को सलाह दें कि नैतिकता की दिशा में坚定 रहें, क्योंकि यह व्यक्तिगत और संस्थागत प्रभावशीलता के लिए महत्वपूर्ण है।