“ज्ञान के बिना ईमानदारी कमज़ोर और व्यर्थ है, परन्तु ईमानदारी के बिना ज्ञान ख़तरनाक और भयानक होता है।” इस कथन से आप क्या समझते हैं? आधुनिक सन्दर्भ से उदाहरण लेते हुए अपने अभिमत को स्पष्ट कीजिए।(150 words) [UPSC 2014]
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कथन की समझ
यह कथन ईमानदारी और ज्ञान के आपसी संबंध को स्पष्ट करता है। ईमानदारी के बिना ज्ञान व्यर्थ हो सकता है क्योंकि इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा सकता। वहीं, ज्ञान के बिना ईमानदारी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
ईमानदारी के बिना ज्ञान
जब ज्ञान के साथ ईमानदारी नहीं होती, तो इसका दुरुपयोग हो सकता है। उदाहरण के लिए, डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में गोपनीयता का उल्लंघन और भ्रष्टाचार हो सकता है। Cambridge Analytica कांड में डेटा का दुरुपयोग कर जनमत को प्रभावित किया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर खतरा पैदा हुआ।
ज्ञान के बिना ईमानदारी
ईमानदारी बिना ज्ञान के भी असफल हो सकती है। उदाहरण के लिए, स्वच्छता अभियानों में बहुत अच्छा इरादा होने के बावजूद, प्रभावी योजना और कार्यान्वयन के बिना ये अभियानों की सफलता सीमित हो जाती है।
आधुनिक सन्दर्भ
COVID-19 वैक्सीनेशन एक अच्छा उदाहरण है। वैज्ञानिक ज्ञान के बिना, वैक्सीन विकसित नहीं की जा सकती थी, लेकिन ईमानदारी से किए गए परीक्षण और वितरण ने इस प्रक्रिया को सुरक्षित और प्रभावी बनाया।
इस प्रकार, ज्ञान और ईमानदारी का सामंजस्यपूर्ण संयोजन आवश्यक है, ताकि दोनों का सकारात्मक उपयोग किया जा सके और समाज को लाभ हो।