एक आपदा-प्रवण राज्य है, जिसमें अक्सर भूस्खलन, दावानल, मेघ विस्फोट, आकस्मिक बाढ़ और भूकंप आदि आते रहते हैं। इनमें से कुछ मौसमी हैं और अक्सर अननुमेय हैं। आपदा का परिमाण हमेशा अप्रत्याशित होता है। एक मौसम के दौरान, एक मेघ विस्फोट के कारण विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन हुए जिनसे अत्यधिक दुर्घटनाएँ हुई। सड़कों, पुलों और विद्युत् उत्पादी यूनिटों जैसी बुनियादी संरचना को बृहत् क्षति पहुँची। इसके फलस्वरूप 100000 से ज्यादा तीर्थयात्री, पर्यटक और अन्य स्थानीय निवासी विभिन्न मार्गों और स्थानों पर फँस गए। जिम्मेदारी के आपके क्षेत्र में फँसे हुए लोगों में वरिष्ठ नागरिक, अस्पतालों में मरीज, महिलाएँ और बच्चे, पदयात्री, पर्यटक, शासक पार्टी के प्रादेशिक अध्यक्ष अपने परिवार सहित, पड़ोसी राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव और जेल में कैदी शामिल थे। राज्य के एक सिविल सेवा अधिकारी के तौर पर आपका आदेश क्या होगा जिसमें आप इन लोगों को बचाएँगे और क्यों? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। (200 शब्द)
परिस्थितिगत विश्लेषण
आपदा के दौरान भूस्खलन, दावानल, मेघ विस्फोट और आकस्मिक बाढ़ जैसी घटनाएँ बुनियादी संरचना को बृहत् क्षति पहुँचाती हैं, जिससे आपातकालीन स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इसमें फँसे हुए लोग वरिष्ठ नागरिक, अस्पतालों में मरीज, महिलाएँ, बच्चे, पदयात्री, पर्यटक, शासक पार्टी के प्रादेशिक अध्यक्ष, पड़ोसी राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, और जेल में कैदी हैं।
प्राथमिकता तय करने के सिद्धांत
हालिया उदाहरण
हाल ही में, 2023 के हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति ने गंभीर चुनौतियाँ प्रस्तुत की थीं। वहाँ, सरकारी अधिकारियों ने प्राथमिकता से अस्थायी आश्रयों और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की, जिससे जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी।
निष्कर्ष
आपदा के समय जीवन की सुरक्षा और स्वास्थ्य की प्राथमिकता सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसके बाद, प्रशासनिक और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।