एक निजी कंपनी अपनी दक्षता, पारदर्शिता और कर्मचारी कल्याण के लिए विख्यात हैं। यद्यपि कंपनी का मालिक एक निजी व्यक्ति है, तथापि उसका एक सहकारिता वाला आचरण है जहाँ कर्मचारी स्वामित्व की भावना रखते हैं। कंपनी में लगभग 700 कार्मिक नियुक्त हैं और उन्होंने स्वेच्छापूर्वक संघ न बनाने का निर्णय लिया है। अचानक एक दिन सुबह एक राजनीतिक पार्टी के 40 आदमी ज़बरदस्ती फैक्ट्री में घुस आए और फैक्ट्री में नौकरी माँगने लगे। उन्होंने प्रबंधन और कर्मचारियों को धमकियाँ और गालियाँ भी दीं। कर्मचारियों का मनोबल गिरा। यह स्पष्ट था कि जो लोग जबरदस्ती घुस आए थे, वे कंपनी के बेतन-पत्रक में होना चाहते थे और साथ ही साथ पार्टी के स्वयंसेवक/सदस्य बने रहना चाहते थे। कंपनी ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाए रखती है और सिविल प्रशासन, जिसमें कानून प्रवर्तन अभिकरण भी शामिल है, का कोई अनुग्रह नहीं करती। इस प्रकार के प्रसंग सार्वजनिक क्षेत्रक में भी घटते हैं।
a. मान लीजिए कि आप कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी० ई० ओ०) हैं। आप उपद्रवी भीड़ के गेट के अंदर जबरन घुस आने और कंपनी परिसर के भीतर धरना देने की तारीख को प्रचंड स्थिति के निष्प्रभावन के लिए क्या करेंगे?
b. इस खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक प्रभावी रणनीतियाँ सुझाइए। (150 words) [UPSC 2015]
उपद्रवी भीड़ के घुसने की स्थिति में सीईओ के रूप में प्रतिक्रिया
a. तत्काल प्रतिक्रिया:
b. दीर्घकालिक समाधान:
हाल के उदाहरण:
इन उपायों से आपातकालीन स्थितियों को प्रबंधित किया जा सकता है और कंपनी की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखी जा सकती है।