लोक सेवकों के समक्ष ‘हित संघर्ष (कन्फ्लिक्ट ऑफ इन्टरेस्ट) के मुद्दों का आ जाना संभव होता है। आप ‘हित संघर्ष’ पद से क्या समझते हैं और यह लोक सेवकों के द्वारा निर्णयन में किस प्रकार अभिव्यक्त होता है? यदि आपके सामने हित संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाय, तो आप उसका हल किस प्रकार निकालेंगे? उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए। (150 words) [UPSC 2015]
हित संघर्ष (Conflict of Interest) और उसका समाधान
हित संघर्ष की परिभाषा:
हित संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब लोक सेवक के व्यक्तिगत हित—जैसे वित्तीय लाभ या व्यक्तिगत संबंध—उनके सार्वजनिक कर्तव्यों से टकराते हैं। इससे निर्णय लेने की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है और जनता के विश्वास को नुकसान पहुँच सकता है।
आम उदाहरण:
समाधान:
इन उपायों से लोक सेवकों की ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है।