लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है, क्योंकि वे सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, लोक-निधियों की विशाल राशियों पर कार्रवाई करते हैं, और उनके निर्णयों का समाज और पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे उत्तरदायित्व को निभाने के लिए, अपनी नैतिक सक्षमता पुष्ट करने हेतु आपने क्या कदम उठाए हैं?(150 words) [UPSC 2014]
लोक-सेवकों का नैतिक उत्तरदायित्व
लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उत्तरदायित्व होता है क्योंकि वे समाज के लिए निर्णय लेते हैं जो व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं। वे लोक-निधियों का प्रबंधन करते हैं और सत्ता के पदों पर आसीन होते हैं, जिससे उनकी हर कार्रवाई का समाज और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, नैतिक सक्षमता सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
नैतिक सक्षमता पुष्ट करने के लिए उठाए गए कदम
इन कदमों से लोक-सेवक अपने नैतिक उत्तरदायित्व को प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं, जिससे समाज और पर्यावरण को लाभ होता है।