विश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण लोक सेवा में किस प्रकार प्रदर्शित होते हैं? उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए। (150 words) [UPSC 2015]
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विश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण लोक सेवा में
विश्वसनीयता और सहन-शक्ति लोक सेवा में महत्वपूर्ण सद्गुण हैं, जो सरकारी कर्मियों के कार्यों में प्रकट होते हैं।
विश्वसनीयता: उदाहरण: 2023 में, दिल्ली के नगर निगम अधिकारी ने कोरोना महामारी के दौरान मास्क वितरण के कार्य में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखी। उनके द्वारा सही तरीके से सहायता सामग्री की वितरण रिपोर्टिंग और निगरानी ने सार्वजनिक विश्वास को मजबूत किया। यह उदाहरण दिखाता है कि विश्वसनीयता से लोगों का भरोसा कायम रहता है।
सहन-शक्ति: उदाहरण: 2024 में, एक IAS अधिकारी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाते हुए राजनीतिक दबाव और व्यक्तिगत धमकियों का सामना किया। उनके द्वारा कानून के प्रति अडिग समर्पण और कठिन परिस्थितियों में डटे रहने से न्याय की प्रक्रिया मजबूत हुई। सहन-शक्ति से अधिकारी ने ईमानदारी और न्याय को सुनिश्चित किया।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि विश्वसनीयता और सहन-शक्ति लोक सेवा में प्रभावशीलता और ईमानदारी को बढ़ावा देते हैं।
लोक सेवा में विश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और ये विभिन्न तरीकों से प्रदर्शित होते हैं।
विश्वसनीयता का मतलब है कि लोक सेवक अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और सच्चाई से निभाता है। उदाहरण के तौर पर, एक सरकारी अधिकारी जो अपनी ड्यूटी में पारदर्शिता बनाए रखता है और नागरिकों की समस्याओं का निष्पक्ष समाधान करता है, वह विश्वसनीयता को दर्शाता है। यदि कोई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होता और अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निभाता है, तो वह जनता के बीच भरोसा पैदा करता है।
सहन-शक्ति का तात्पर्य है कि लोक सेवक कठिन परिस्थितियों में भी शांत और धैर्यपूर्ण रहे। उदाहरण के लिए, एक पुलिस अधिकारी जो सामुदायिक तनाव या दंगों के दौरान शांति बनाए रखने की कोशिश करता है और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, वह सहन-शक्ति का परिचायक होता है।
इस प्रकार, लोक सेवा में ये गुण न केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए आवश्यक हैं, बल्कि समाज में समरसता और न्याय सुनिश्चित करने में भी सहायक हैं।