कल्पना करें कि आप एक सामाजिक सेवा योजना की क्रियान्विती के कार्य प्रभारी हैं, जिससे बूढ़ी एवं निराश्रय महिलाओं की सहायता प्रदान करनी है। एक बूढ़ी एवं अशिक्षित महिला योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपके पास आती है। यद्यपि, उसके पास पात्रता के मानदंडों को पूरा करने वाले काग़जात दिखाने के लिए नहीं हैं। परन्तु उससे मिलने एवं उसे सुनने से आप यह महसूस करते हैं कि उसे सहायता की निश्चित रूप से आवश्यकता है। आपकी जाँच में यह भी आया है कि वास्तव में वह दयनीय दशा में निराश्रित जीवन व्यतीत कर रही है। आप इस धर्मसंकट में हैं कि क्या किया जाए । उसे बिना आवश्यक काग़जात के योजना में सम्मिलित किया जाना, नियमों का स्पष्ट उल्लंघन होगा । उसे सहायता के लिए मना करना भी निर्दयता एवं अमानवीय होगा ।
a. क्या आप इस धर्मसंकट के समाधान के लिए कोई तार्किक तरीका सोच सकते हैं ?
b. इसके लिए अपने कारण बतलाइए । (250 words) [UPSC 2016]
धर्मसंकट का समाधान
a. तार्किक तरीका:
सहायता के लिए अस्थायी व्यवस्था:
b. कारण:
मानवता और नियमों का संतुलन:
इस तरह, दोनों दृष्टिकोणों के बीच संतुलन बनाए रखने से प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जा सकता है और दयालुता और न्याय का पालन किया जा सकता है।