भारत में केंद्र, राज्य तथा जनपद स्तरों पर आपदा प्रबंधन की विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
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भारत में केंद्र, राज्य तथा जनपद स्तरों पर आपदा प्रबंधन
परिचय: भारत की आपदा प्रबंधन प्रणाली एक तीन स्तरीय ढांचा है, जिसमें केंद्र, राज्य, और जनपद स्तर शामिल हैं। यह ढांचा आपदाओं से निपटने और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए जिम्मेदार है।
**1. केंद्र स्तर: केंद्र स्तर पर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) प्रमुख निकाय है, जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया है। NDMA की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और यह आपदा प्रबंधन के लिए नीतियाँ, योजनाएँ और दिशा-निर्देश तैयार करता है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), NDMA के अधीन कार्य करता है और आपातकालीन राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, 2023 के हिमाचल प्रदेश बाढ़ में, NDRF ने व्यापक बचाव और राहत कार्य किए।
**2. राज्य स्तर: राज्य स्तर पर, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) प्रत्येक राज्य में स्थापित है और इसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्यमंत्री करते हैं। SDMA राज्य की आपदा प्रबंधन योजनाओं को तैयार करता है और कार्यान्वित करता है। 2022 के उत्तराखंड के भारी बारिश के दौरान, SDMA ने स्थानीय एजेंसियों और संगठनों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों का समन्वय किया।
**3. जनपद स्तर: जनपद स्तर पर, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA), जिसकी अध्यक्षता जनपद कलेक्टर करते हैं, आपदा प्रबंधन का पहला स्तर है। DDMA स्थानीय समस्याओं का समाधान करता है और आपातकालीन राहत कार्यों का संचालन करता है। 2021 के चमोली फ्लैश फ्लड्स के दौरान, DDMA ने तत्काल राहत, निकासी और पुनर्वास कार्यों का प्रभावी प्रबंधन किया।
हाल का उदाहरण: COVID-19 महामारी के दौरान, NDMA ने राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी किए, राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन और स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय लागू किए, और जनपद प्राधिकरण ने कंटेनमेंट जोन का प्रबंधन किया।
निष्कर्ष: भारत का आपदा प्रबंधन ढांचा केंद्र, राज्य, और जनपद स्तरों पर एक समन्वित प्रणाली है, जो आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन और राहत कार्यों को सुनिश्चित करता है। इस ढांचे को निरंतर सुधार और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है।