ऐसी अवांछनीय अभिवृत्तियों को कैसे बदला जा सकता है तथा लोक सेवाओं के लिए आवश्यक समझे जाने वाले सामाजिक-नैतिक मूल्यों को आकांक्षी तथा कार्यरत लोक सेवकों में किस प्रकार संवर्धित किया जा सकता है ? (150 words) [UPSC 2016]
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अवांछनीय अभिवृत्तियों को बदलने और सामाजिक-नैतिक मूल्यों को संवर्धित करने की विधियाँ
1. समग्र प्रशिक्षण और शिक्षा
नैतिकता और मूल्य शिक्षा: लोक सेवकों को नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर आधारित व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। हाल ही में IAS प्रशिक्षण में “लोक प्रशासन में नैतिकता” जैसे पाठ्यक्रम इसका अच्छा उदाहरण हैं।
2. निरंतर आत्ममूल्यांकन और जागरूकता
नियमित कार्यशालाएँ और सेमिनार: समय-समय पर कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित किए जाएँ, जो सामाजिक मुद्दों और नैतिक प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करें। जैसे, लिंग संवेदनशीलता और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यशालाएँ।
3. सशक्त संस्थागत ढाँचा
आचार संहिता और उत्तरदायित्व: कठोर आचार संहिता लागू करें और नियमित निगरानी के माध्यम से उत्तरदायित्व सुनिश्चित करें। केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा किए गए निगरानी उदाहरण स्वरूप हैं।
4. नेतृत्व और आदर्श उदाहरण
नेतृत्व द्वारा उदाहरण: वरिष्ठ अधिकारी नैतिक व्यवहार और सार्वजनिक सेवा के मूल्यों का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें। हाल ही में, ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए मान्यता प्राप्त वरिष्ठ अधिकारियों के मामले प्रभावी आदर्श हैं।
इन उपायों के माध्यम से, लोक सेवकों में आवश्यक सामाजिक-नैतिक मूल्यों को प्रभावी ढंग से संवर्धित किया जा सकता है।