अपने मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते आपकी पहुँच महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों तथा आने वाली बड़ी घोषणाओं, जैसे सड़क निर्माण परियोजनाएँ, तक जनता के अधिकार क्षेत्र में जाने से पहले हो जाती है। मंत्रालय एक बड़ी सड़क निर्माण योजना की घोषणा करने वाला है जिसके लिए ख़ाके तैयार हो चुके हैं। नियोजकों ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि सरकारी भूमि का अधिक-से-अधिक उपयोग किया जाए ताकि निजी भूमि का कम-से-कम अधिग्रहण करना पड़े। निजी भूमि के मालिकों के लिए क्षतिपूर्ति की दरें भी सरकारी नियमों के अनुसार निर्धारित कर ली गई हैं। निर्वनीकरण कम-से-कम हो इसका भी ध्यान रखा गया है। ऐसी आशा है कि परियोजना की घोषणा होते ही उस क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र की भूमि की कीमतों में भारी उछाल आएगी । इसी बीच, संबंधित मंत्री ने आपसे आग्रह किया कि सड़क का पुनःसंरेखण इस प्रकार किया जाए जिससे सड़क मंत्री के 20 एकड़ के फार्म हाउस के पास से निकले। इसके साथ ही मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वह आपकी पत्नी के नाम, प्रस्तावित बड़ी सड़क परियोजना के आसपास एक बड़ा भूखण्ड प्रचलित दरों पर जो कि नाममात्र की हैं, क्रय करने में सहायता करेंगे। मंत्री ने आपको यह भी विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि इसमें कोई नुकसान नहीं है क्योंकि भूमि वैधानिक रूप से खरीदी जा रही है। वह आपसे यह भी बादा करता है कि यदि आपके पास पर्याप्त धनराशि नहीं है, तो उसकी पूर्ति में भी आपकी सहायता करेगा। लेकिन सड़क के पुनःसंरेखण में बहुत-सी कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा, जिससे सरकार पर काफी वित्तीय भार पड़ेगा, तथा किसान भी विस्थापित होंगे। केवल यह ही नहीं, इसके चलते बहुत सारे पेड़ों को भी कटवाना पड़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र का हरित आवरण समाप्त हो जाएगा। इस परिस्थिति का सामना होने पर आप क्या करेंगे? विभिन्न प्रकार के हित-द्वन्द्वों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा स्पष्ट कीजिए कि एक लोक सेवक होने के नाते आपके क्या दायित्व हैं । (250 words) [UPSC 2018]
हित-द्वंद्व और लोक सेवक के दायित्व
1. हित-द्वंद्व की पहचान
इस परिदृश्य में निम्नलिखित प्रमुख हित-द्वंद्व हैं:
2. लोक सेवक के दायित्व
एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में आपके दायित्व निम्नलिखित हैं:
3. हाल की घटनाओं का संदर्भ
हाल ही में, डेल्ही-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना में भूमि अधिग्रहण और पुनःसंरेखण के विवाद ने सार्वजनिक हित और पर्यावरणीय चिंताओं को उजागर किया। ऐसे मामलों से यह सिद्ध होता है कि व्यक्तिगत लाभ की खातिर सार्वजनिक परियोजनाओं में बदलाव से दूर रहना चाहिए।
निष्कर्ष
आपका प्राथमिक दायित्व सार्वजनिक हित की रक्षा करना और नैतिकता का पालन करना है। किसी भी व्यक्तिगत या राजनीतिक दबाव के खिलाफ खड़ा होना और पारदर्शिता के साथ कार्य करना लोक सेवक के नैतिक और कानूनी दायित्वों के अंतर्गत आता है।