राकेश जिला स्तर का एक ज़िम्मेदार अधिकारी है, जिस पर उसके उच्च अधिकारी भरोसा करते हैं। उसकी ईमानदारी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उसे बरिष्ठ नागरिकों के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल योजना के लाभार्थियों की पहचान करने का दायित्व सौंपा है। लाभार्थी होने के लिए निम्नलिखित कसौटियाँ हैं: (अ) 60 वर्ष की या उससे अधिक आयु हो । (ब) किसी आरक्षित समुदाय से संबंधित हो । (स) परिवार की बार्षिक आय र 1 लाख से कम हो । एक दिन एक वृद्ध दंपति राकेश के कार्यालय में योजना के लाभ के लिए आवेदन-पत्र ले कर आया । वे उसके जिले के एक गाँव में जन्म से रहते आए हैं। वृद्ध व्यक्ति की बड़ी आँत में एक ऐसे विरले विकार का पता लगा जिससे उसमें रुकावट पैदा होती है। परिणामस्वरूप, उसके पेट में बार-बार तीव्र पीड़ा होती है जिससे वह कोई शारीरिक श्रम नहीं कर सकता है। वृद्ध दंपति की देखरेख करने के लिए कोई संतान नहीं है। एक विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक, जिससे वे मिले हैं, बिना फीस के उनकी शल्य चिकित्सा करने को तैयार है। फिर भी, उस वृद्ध दंपति को आकस्मिक व्यय, जैसे दवाइयाँ, अस्पताल का खर्च, आदि जो लगभग ₹1 लाख होगा, स्वयं ही वहन करना पड़ेगा। दंपति मानक ‘ब’ के अलावा योजना का लाभ प्राप्त करने की सारी कसौटियाँ पूरी करता है। फिर भी, किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता निश्चित तौर पर उनके जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर पैदा करेगी । राकेश को इस परिस्थिति में क्या अनुक्रिया करनी चाहिए ? (250 words) [UPSC 2018]
राकेश की प्रतिक्रिया: नैतिकता और व्यावहारिक समाधान
1. मानक के पालन की आवश्यकता
राकेश की पहली जिम्मेदारी है कि वह स्वास्थ्य देखभाल योजना के लिए निर्धारित मानकों का पालन करे। इस मामले में, वृद्ध दंपति सभी मानकों को पूरा करता है सिवाय आरक्षित समुदाय के मानक के। नियमों का पालन निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
2. असाधारण परिस्थिति की समीक्षा
हालांकि दंपति मानक ‘ब’ को पूरा नहीं करते, उनके गंभीर आर्थिक और स्वास्थ्य हालात महत्वपूर्ण हैं। वृद्ध व्यक्ति की स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है, और सर्जरी के लिए अतिरिक्त खर्च उनके लिए भारी है।
3. वैकल्पिक समाधान की खोज
राकेश निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकता है:
4. पारदर्शिता और न्याय की सुनिश्चितता
राकेश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो भी निर्णय लिया जाए, वह पारदर्शी और उचित हो। दस्तावेजित रूप में दंपति की स्थिति को प्रस्तुत करना और सभी संभावित सहायता स्रोतों का अन्वेषण करना नैतिक प्रशासन का हिस्सा है।
निष्कर्ष
राकेश को मानकों के पालन के साथ-साथ दंपति के लिए वैकल्पिक सहायता प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए। यह दृष्टिकोण नियमों और मानवीय सहायता के बीच संतुलन बनाए रखने में सहायक होगा।