भारत मिसाईल लिमिटेड (बी.एम.एल.) के अध्यक्ष टीवी पर एक कार्यक्रम देख रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के विकास की आवश्यकता पर राष्ट्र को सम्बोधित कर रहे थे। अवचेतन रूप में उन्होंने हामी भरी और मन ही मन मुस्कुराते हुए बी.एम.एल. की विगत दो दशकों की यात्रा की मानसिक पुनर्समीक्षा की। प्रथम पीढी (फर्स्ट जेनरेशन) की एण्टी-टैंक गाइडेड मिसाईल (ए.टी.जी.एम.) के उत्पादन में प्रशंसनीय रूप से आगे बढ़ कर बी.एम.एल. अब अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित ए.टी.जी.एम. हथियार प्रणालियों के डिजाइन और उनका उत्पादन कर रहा था जो विश्व की किसी भी सेना के लिए ईर्ष्या का कारण होगें । आह भरते हुए उन्होंने अपनी इस पूर्वधारणा के साथ समझौता किया कि संभवतया सरकार सैनिक हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध की यथास्थिति को नहीं बदलेगी । उन्हें आश्चर्य हुआ कि अगले ही दिन महानिदेशक, रक्षा मंत्रालय से बी.एम.एल. द्वारा ए.टी.जी.एम. के उत्पादन में वृद्धि करने की रीतियों पर चर्चा करने के लिए उन्हें फोन आया क्योंकि संभावना है कि एक मित्र विदेशी देश को उनका निर्यात किया जा सकता है। महानिदेशक चाहते थे कि अध्यक्ष अगले सप्ताह दिल्ली में उनके अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करें। दो दिन बाद, एक संवाददाता सम्मेलन में, रक्षामंत्री ने कहा कि अगले पाँच वर्षों में वे वर्तमान हथियार निर्यात स्तरों को दो-गुना करने का ध्येय रखते हैं। यह देशज हथियारों के विकास और निर्माण के वित्तपोषण को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी देशज हथियार निर्माता राष्ट्रों का अंतर्राष्ट्रीय हथियार व्यापार में बड़ा अच्छा रिकॉर्ड है। बी.एम.एल. के अध्यक्ष के रूप में निम्नलिखित बिंदुओं पर आपके क्या विचार हैं :
a. हथियार निर्यातक के रूप में भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिपरक मुद्दे क्या है ?
b. विदेशी सरकारों को हथियारों के विक्रय संबंधी निर्णय को प्रभावित करने वाले पाँच नीतिपरक कारकों को सूचीबद्ध कीजिए । (250 words) [UPSC 2020]
a. भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिपरक मुद्दे
हालिया उदाहरण: भारत का म्यांमार को आकाश मिसाइल प्रणाली निर्यात पर विचार, जहाँ इस निर्यात की संभावना और उसके मानवीय और क्षेत्रीय प्रभावों पर चिंतन आवश्यक है।
b. विदेशी सरकारों को हथियारों के विक्रय संबंधी निर्णय को प्रभावित करने वाले पाँच नीतिपरक कारक
हालिया उदाहरण: भारत का फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात, जिसमें यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस निर्यात का उपयोग केवल रक्षा उद्देश्यों के लिए हो और यह क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा दे।