भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भारत छोड़ों आंदोलन के योगदान का परीक्षण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
भारत छोड़ो आंदोलन में योगदान
1. आंदोलन की पृष्ठभूमि
भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे Quit India Movement भी कहा जाता है, 15 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था। यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक निर्णायक संघर्ष था।
2. जनांदोलन का स्वरूप
इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार को भारत से बाहर निकालना और स्वतंत्रता प्राप्त करना था। गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से स्वतंत्रता की मांग की।
3. सामूहिक समर्थन और प्रतिक्रिया
भारत छोड़ो आंदोलन ने देशव्यापी समर्थन प्राप्त किया। इसमें कांग्रेस और अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने सक्रिय भाग लिया, और सभी वर्गों और सामाजिक समूहों ने इसका समर्थन किया। आंदोलन के दौरान नगरीय अशांति, सार्वजनिक हड़तालें, और असंतोष का फैलाव हुआ।
4. ब्रिटिश प्रशासन की प्रतिक्रिया
ब्रिटिश सरकार ने इस आंदोलन को दबाने के लिए अत्यधिक बल का प्रयोग किया। प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, और सैन्य बल को तैनात किया गया।
5. स्वतंत्रता के प्रति योगदान
यह आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम की एक निर्णायक घटना थी। इसकी प्रेरणा और जनसंपर्क ने स्वतंत्रता संग्राम की गति को तेज किया। अंततः, 15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, जो कि इस आंदोलन के प्रभाव का प्रतिफल था।
6. हाल की टिप्पणियाँ
हाल ही में, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और अनेक इतिहासकारों ने इस आंदोलन के महत्व को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसके योगदान को सम्मानित करते हुए अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया।
इस प्रकार, भारत छोड़ो आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ प्रदान किया और भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।