समकालीन दुनिया में धन और रोजगार उत्पन्न करने में कॉर्पोरेट क्षेत्र का योगदान बढ़ रहा है। ऐसा करने में वे जलवायु, पर्यावरणीय संधारणीयता और मानव की जीवन-स्थितियों पर अप्रत्याशित हमले कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में, क्या आप पाते हैं कि कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सी० एस० आर०) कॉर्पोरेट जगत् में आवश्यक सामाजिक भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को पूरा करने में सक्षम और पर्याप्त है जिसके लिए सी० एस० आर० अनिवार्य है? विश्लेषणात्मक परीक्षण कीजिए। (150 words) [UPSC 2022]
कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) का उद्देश्य कंपनियों को उनके व्यापारिक गतिविधियों के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों को समझने और सुधारने में मदद करना है। हालांकि CSR के तहत कंपनियाँ पर्यावरणीय संरक्षण, सामाजिक कल्याण और बेहतर कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने की दिशा में कई प्रयास करती हैं, इसके प्रभावशीलता पर प्रश्न उठते हैं।
CSR का प्रमुख लाभ यह है कि यह कंपनियों को एक जिम्मेदार छवि बनाने में मदद करता है, जो उनकी ब्रांड वैल्यू और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ा सकता है। यह सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और सुधार की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
फिर भी, CSR अक्सर स्वैच्छिक होता है और इसके कार्यान्वयन की गहराई और व्यापकता में भिन्नता देखी जाती है। कई बार, CSR के प्रयास सतही होते हैं और उनके परिणाम स्थायी नहीं होते। इसके अलावा, कंपनियाँ अक्सर CSR को विपणन के एक उपकरण के रूप में भी प्रयोग करती हैं, जो इसकी प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है।
इसलिए, हालांकि CSR महत्वपूर्ण है, यह अकेले ही पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं को हल नहीं कर सकता। इसके लिए एक मजबूत नियामक ढांचा और सामाजिक दबाव भी आवश्यक है, जिससे CSR प्रयास अधिक प्रभावी और स्थायी हो सकें।