पिछले सात महीनों से रूस और युक्रेन के बीच युद्ध जारी है। विभिन्न देशों ने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र स्टैंड लिया है और कार्यवाही की है। हम सभी जानते हैं कि मानव त्रासदी समेत समाज के विभिन्न पहलुओं पर युद्ध का अपना असर रहता है। वे कौन-से नैतिक मुद्दे हैं, जिन पर युद्ध शुरू करते समय और अब तक इसकी निरंतरता पर विचार करना महत्त्वपूर्ण है? इस मामले में दी गई स्थिति में शामिल नैतिक मुद्दों का औचित्यपूर्ण वर्णन कीजिए। (150 words) [UPSC 2022]
युद्ध के नैतिक मुद्दे: रूस-युक्रेन संघर्ष
1. मानवतावादी प्रभाव
मानव त्रासदी: युद्ध के परिणामस्वरूप नागरिकों की जान-माल की भारी हानि होती है। रूस-युक्रेन युद्ध ने लाखों लोगों को विस्थापित किया और कई की मौत हो गई। नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए युद्ध की नैतिक वैधता पर सवाल उठते हैं।
2. युद्ध की वैधता
सत्यापित कारण: युद्ध का आरंभ नैतिक कारण और वैधता पर आधारित होना चाहिए। रूस का आक्रमण अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बहस का विषय है, और “न्यायपूर्ण युद्ध” के सिद्धांत के अनुसार, युद्ध का कारण उचित होना चाहिए।
3. अनुपातशीलता
सैन्य आवश्यकताएँ बनाम नागरिक नुकसान: अनुपातशीलता का सिद्धांत कहता है कि सैन्य कार्यवाही से नागरिकों को अनावश्यक हानि नहीं होनी चाहिए। हाल ही में रूसी हमलों में नागरिक क्षेत्रों की बमबारी ने अनुपातशीलता पर प्रश्न खड़ा किया है।
4. जवाबदेही
युद्ध अपराध: युद्ध के दौरान युद्ध अपराधों की जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय युद्ध अपराधों की जांच कर रहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों का पालन हो सके।
इन नैतिक मुद्दों को समझना और उनका पालन करना युद्ध के मानवाधिकार और कानूनी मानकों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।