शनिवार की शाम 9 बजे संयुक्त सचिव रशिका अपने कार्यालय में अब भी अपने काम में व्यस्त थी । उसके पति विक्रम किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यपालक हैं और अपने काम के सिलसिले में अकसर वे शहर से बाहर रहते हैं। उनके दो बच्चे 5 और 3 साल के हैं जिनकी देखभाल घरेलू सहायिका द्वारा होती है। रशिका के उच्च अधिकारी श्रीमान सुरेश ने उसे शाम 9:30 बजे बुलाया और उन्होंने मंत्रालय की बैठक में चर्चा होने बाले किसी ज़रूरी मुद्दे पर एक विस्तृत टिप्पणी तैयार करने के लिए कहा। उसे लगा कि उसके उच्च अधिकारी द्वारा दिए गए इस अतिरिक्त काम को पूरा करने के लिए उसे रविवार को काम करना होगा। वह स्मरण करती है कि कैसे वह इस पोस्टिंग के प्रति उत्सुक थी और इसे हासिल करने के लिए उसने कई महीने देर-देर तक काम किया था। उसने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लोगों के कल्याण को सर्वोपरि रखा था। उसे महसूस होता है कि उसने अपने परिवार के साथ पर्याप्त न्याय नहीं किया है और आवश्यक सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में कर्तव्यों को पूरा नहीं किया है। यहाँ तक कि अभी पिछले महीने में उसे अपने बीमार बच्चे को आया की देखभाल में छोड़ना पड़ा था क्योंकि उसे दफ्तर में काम करना था। अब उसे लगता है कि उसे एक रेखा खींचनी चाहिए, जिसमें अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों की तुलना में प्रथमतः निजी जिंदगी को महत्त्व मिलना चाहिए। वह सोचती है कि समय की पाचंदी, कड़ी मेहनत, कर्तव्य के प्रति समर्पण और निःस्वार्थ सेवा जैसी कार्य नैतिकता की समुचित सीमाएँ होनी चाहिए । (250 words) [UPSC 2023]
a. इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए।
b. महिलाओं के लिए एक स्वस्थ, सुरक्षित और न्यायसंगत कार्य परिवेश मुहैया कराने के संदर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए कम-से-कम चार कानूनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
c. कल्पना कीजिए कि आप भी ऐसी ही स्थिति में हों। आप उक्त कामकाजी परिस्थितियों को हल्का करने के लिए क्या सुझाव देंगे ?
नैतिक मुद्दे और कानूनी प्रावधान
a. नैतिक मुद्दे
b. महिलाओं के लिए सुरक्षित और न्यायसंगत कार्य परिवेश से संबंधित कानून
c. सुझाव
इन सुझावों को अपनाकर कामकाजी परिस्थितियों को हल्का किया जा सकता है और कर्मचारियों की संतुष्टि और सुखद जीवन को सुनिश्चित किया जा सकता है।
a. नैतिक मुद्दों पर चर्चा
इस परिदृश्य में निम्नलिखित नैतिक मुद्दे उभरते हैं:
b. महिलाओं के लिए सुरक्षित और न्यायसंगत कार्य परिवेश के संदर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए कानून
c. सुझाव
निष्कर्ष
रशिका की स्थिति में कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उचित समय प्रबंधन, संवाद, और आत्म-देखभाल से पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया जा सकता है।
नैतिक मुद्दों की चर्चा
रशिका की स्थिति में, पेशेवर जिम्मेदारियों और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन एक महत्वपूर्ण नैतिक मुद्दा है। जबकि उसका कर्तव्य और कार्य की प्राथमिकता महत्वपूर्ण हैं, परिवार के प्रति उसके समर्पण और जिम्मेदारी को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। उसकी स्वास्थ्य और परिवारिक भलाई की अनदेखी करना उसके व्यक्तिगत जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
उच्च अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त काम के अनावश्यक दबाव का सामना करना एक नैतिक मुद्दा है। काम के लिए सप्ताहांत या अतिरिक्त समय की माँग करना, विशेषकर जब यह परिवारिक जिम्मेदारियों के साथ टकराता है, एक अनुचित प्रथा हो सकती है। यह कामकाजी महिलाओं के समर्थन और संतुलन को प्रभावित करता है।
काम के प्रति समर्पण और कर्तव्य के महत्व को समझना आवश्यक है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि कार्य नैतिकता की सीमाएँ निर्धारित की जाएं। स्वास्थ्य, परिवार और व्यक्तिगत भलाई को भी महत्व देना चाहिए।
b. महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य परिवेश: कानूनों का वर्णन
यह कानून महिलाओं को प्रसव और मातृत्व के दौरान अवकाश और वेतन प्रदान करता है। इसमें मातृत्व अवकाश की अवधि 26 सप्ताह तक की होती है और नए माताओं को स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा भी दी जाती है।
इस अधिनियम के तहत, समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया जाता है, जो लिंग की आधार पर भेदभाव को समाप्त करता है। यह महिलाओं और पुरुषों के बीच वेतन अंतर को खत्म करने में मदद करता है।
यह कानून कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों को नियंत्रित करता है और महिलाओं को सुरक्षित कार्य परिवेश प्रदान करता है। इसमें आंतरिक शिकायत समिति के गठन की आवश्यकता होती है जो उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करती है।
इस कानून के अंतर्गत, महिला श्रमिकों को आश्रित परिवार के लिए छुट्टी और प्रत्येक श्रमिक के अधिकार के बारे में सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिससे वे कार्य और परिवार के बीच संतुलन बनाए रख सकें।
c. कामकाजी परिस्थितियों को हल्का करने के सुझाव
कार्यालय में कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता दें और फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटों या वर्क-फ्रॉम-होम विकल्पों को अपनाएँ। इससे कार्य और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
कार्य को प्राथमिकता और समय प्रबंधन के साथ प्रबंधित करें। महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दें और नियमित समय सीमा सुनिश्चित करें ताकि व्यक्तिगत जीवन प्रभावित न हो।
स्वास्थ्य और परिवारिक सुरक्षा को प्राथमिकता दें। कार्यभार के बावजूद, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और परिवारिक समय का प्रबंधन करें।
उच्च अधिकारियों से स्पष्ट संवाद करें और कार्य संबंधी अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से बताएं। यदि अतिरिक्त काम की आवश्यकता हो, तो इसे समय प्रबंधन और सहयोग के माध्यम से हल करें।
निष्कर्ष
रशिका जैसी स्थितियों में, कार्य और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नैतिक मुद्दों के समाधान के लिए, उपयुक्त कानूनी प्रावधानों और प्रशासनिक उपायों के माध्यम से संतुलित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं को स्वास्थ्य और परिवार के साथ-साथ पेशेवर जिम्मेदारियों का भी उचित प्रबंधन करने में सहायता मिले।