भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान कीजिये और भारत की राजनीति में उनकी भूमिका का परीक्षण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
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भारतीय राजनीति में प्रमुख दबाव समूहों की पहचान और उनकी भूमिका
1. प्रमुख दबाव समूह:
फिक्की (FICCI), सीआईआई (CII), और एसोचैम (ASSOCHAM) जैसे प्रमुख व्यापारिक संघ भारत में उद्योग और व्यापार की नीतियों पर प्रभाव डालते हैं। ये संघ नीति निर्माण, कर नीति, और वाणिज्यिक नियमों पर सिफारिशें प्रस्तुत करते हैं।
भारतीय किसान संघ (BKS), आल इंडिया किसान सभा (AIKS), और सर्व मजदूर संगठन जैसे संगठनों का किसान नीतियों और श्रमिक अधिकारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव है। 2020-21 में, किसान आंदोलन ने कृषि कानूनों के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग और सर्व समाज संगठन सामाजिक न्याय और आरक्षण नीतियों के मामलों में प्रभावी हैं। 2023 में, ST/SC आयोग ने आरक्षण के विस्तार की सिफारिश की।
2. इनकी भूमिका का परीक्षण:
ये दबाव समूह नीति निर्माण में प्रभाव डालते हैं, उदाहरण के लिए, FICCI और CII ने किसान सुधार कानून पर सिफारिशें की, जबकि किसान संघ ने इसके विरोध में सड़क पर उतरे।
ST/SC संगठनों का सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है, जैसे आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बढ़ावा देना।
श्रमिक और किसान संघ चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2024 के आम चुनाव में, किसान और श्रमिक वर्ग की मांगें राजनीतिक दलों द्वारा प्राथमिकता में रखी गईं।
निष्कर्ष:
प्रमुख दबाव समूह भारतीय राजनीति में नीति निर्माण, सामाजिक न्याय, और चुनाव राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये समूह नीतियों पर प्रभाव डालते हैं और समाज के विभिन्न हिस्सों की आवाज को प्रभात बनाते हैं।