उदारीकरण क्या है? उदारीकरण ने भारतीय सामाजिक संरचना को किस प्रकार प्रभावित किया है? (200 Words) [UPPSC 2020]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
उदारीकरण क्या है?
उदारीकरण (Liberalization) एक आर्थिक और सामाजिक नीति है जिसका उद्देश्य राज्य की भूमिका को कम करके बाजार की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है। भारत में, 1991 में आर्थिक सुधारों के तहत उदारीकरण की शुरुआत हुई। इसके अंतर्गत, व्यापार और निवेश पर सरकारी नियंत्रण में कमी, निजीकरण और विदेशी निवेश को बढ़ावा देना शामिल है।
उदारीकरण का सामाजिक प्रभाव:
आर्थिक असमानता में वृद्धि:
उदारीकरण के बाद, आर्थिक असमानता बढ़ी है। अमीर-गरीब के बीच अंतर और भी गहरा हुआ है, विशेषकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच। आमदनी में विषमता के उदाहरण के रूप में, नई दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों में उच्च जीवन स्तर की तुलना में छोटे शहरों और गाँवों में गरीबों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
शैक्षिक और रोजगार अवसरों में बदलाव:
उदारीकरण ने शैक्षिक संस्थानों और रोजगार के अवसरों में सुधार किया है। प्राइवेट शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों की वृद्धि हुई है, जिससे नौकरी के नए अवसर मिले हैं।
सांस्कृतिक और सामाजिक बदलाव:
उदारीकरण ने सांस्कृतिक बदलाव भी लाए हैं। उपभोक्ता संस्कृति में वृद्धि और वैश्विक प्रवृत्तियों का असर भारत की सामाजिक संरचना पर पड़ा है। फैशन, मीडिया और मनोरंजन उद्योग में वैश्विक प्रभाव देखा जा सकता है।
निष्कर्ष:
उदारीकरण ने भारत की सामाजिक संरचना में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के बदलाव किए हैं। जबकि इसने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया है, वहीं आर्थिक असमानता और सामाजिक विभाजन भी बढ़े हैं।