महान विचारकों के तीन उद्धरण नीचे दिए गए हैं। वर्तमान संदर्भ में प्रत्येक उद्धरण आपको क्या संप्रेषित करता है ? (150 words)[UPSC 2023]
a. “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।” महात्मा गाँधी
b. “लोगों को जागरूक करने के लिए महिलाओं को जागृत होना चाहिए। जैसे ही वे आगे बढ़ती हैं, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है, देश आगे बढ़ता है।” जवाहरलाल नेहरू
c. “किसी से घृणा मत कीजिए, क्योंकि जो घृणा आपसे उत्पन्न होगी वह निश्चित ही एक अंतराल के बाद आप तक लौट आएगी। यदि आप प्रेम करेंगे, तो वह प्रेम चक्र को पूरा करता हुआ आप तक वापस आएगा।” स्वामी विवेकानंद
महात्मा गाँधी का उद्धरण: “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।”
वर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण हमें बताता है कि सच्ची दयालुता और मानवता के कार्य आध्यात्मिक अनुष्ठानों से अधिक प्रभावी होते हैं। आज के समय में, जब सामाजिक समस्याओं और संकटों का सामना किया जा रहा है, दयालुता जैसे सरल और व्यावहारिक कार्य समाज को वास्तविक रूप से सशक्त और समर्थनकारी बना सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण: “लोगों को जागरूक करने के लिए महिलाओं को जागृत होना चाहिए। जैसे ही वे आगे बढ़ती हैं, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है, देश आगे बढ़ता है।”
यह उद्धरण वर्तमान में महिलाओं के सशक्तिकरण की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। जब महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों में आगे बढ़ती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव परिवार, समुदाय और राष्ट्र पर व्यापक रूप से पड़ता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: “किसी से घृणा मत कीजिए, क्योंकि जो घृणा आपसे उत्पन्न होगी वह निश्चित ही एक अंतराल के बाद आप तक लौट आएगी। यदि आप प्रेम करेंगे, तो वह प्रेम चक्र को पूरा करता हुआ आप तक वापस आएगा।”
वर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण यह सिखाता है कि नफरत और नकारात्मकता केवल बुरे परिणाम लाते हैं, जबकि प्रेम और सहानुभूति से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक रिश्तों में प्रेम और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से समाज में अमन और समझदारी को बढ़ावा मिलता है।