भारत में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एन. एच. आर.सी.) सर्वाधिक प्रभावी तभी हो सकता है, जब इसके कार्यों को सरकार की जवाबदेही को सुनिश्चित करने वाले अन्य यांत्रिकत्वों (मकैनिज्म) का पर्याप्त समर्थन प्राप्त हो। उपरोक्त टिप्पणी के प्रकाश में, मानव अधिकार मानकों की प्रोन्नति करने और उनकी रक्षा करने में, न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं के प्रभावी पूरक के तौर पर, एन. एच. आर. सी. की भूमिका का आकलन कीजिये । (200 words) [UPSC 2014]
एन. एच. आर. सी. की भूमिका और न्यायपालिका एवं अन्य संस्थाओं के साथ सहयोग
परिचय
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एन. एच. आर. सी.) भारत में मानव अधिकारों की रक्षा और प्रोन्नति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी प्रभावशीलता तब बढ़ती है जब इसे न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं का पर्याप्त समर्थन प्राप्त होता है।
एन. एच. आर. सी. की पूरक भूमिका
न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं के साथ सहयोग
निष्कर्ष
एन. एच. आर. सी. तब सबसे प्रभावी होता है जब इसे न्यायपालिका, विधायिका, और सिविल सोसाइटी का सहयोग प्राप्त होता है। एक संयुक्त प्रयास मानव अधिकार मानकों की रक्षा और प्रोन्नति में सहायक होता है, जिससे सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित होती है।