मंत्रिमंडल का आकार उतना होना चाहिए कि जितना सरकारी कार्य सही ठहराता हो और उसको उतना बड़ा होना चाहिए कि जितने को प्रधानमंत्री एक टीम के रूप में संचालन कर सकता हो। उसके बाद सरकार की दक्षता किस सीमा तक मंत्रिमंडल के आकार से प्रतिलोमतः संबंधित है ? चर्चा कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
मंत्रिमंडल का आकार और सरकार की दक्षता
मंत्रिमंडल का आकार सरकार की दक्षता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। एक बड़े मंत्रिमंडल की संरचना और एक छोटे मंत्रिमंडल की संरचना, दोनों के बीच प्रभावशीलता का संबंध विभिन्न पहलुओं से जुड़ा होता है।
1. मंत्रिमंडल का बड़ा आकार: एक बड़े मंत्रिमंडल में अधिक प्रतिनिधित्व और विशेषज्ञता हो सकती है, जो नीति निर्माण में विविधता और व्यापक दृष्टिकोण ला सकती है। हालाँकि, इससे ब्यूरोक्रेटिक जटिलताएँ और निर्णय प्रक्रिया में विलंब हो सकता है। उदाहरण के लिए, भारत की 2019 की मोदी सरकार ने बड़े मंत्रिमंडल के साथ विविधता और अनुभव की पूर्ति की, लेकिन इसके साथ प्रशासनिक जटिलताओं और फैसला लेने में देरी की समस्याएँ भी सामने आईं।
2. मंत्रिमंडल का छोटा आकार: छोटे मंत्रिमंडल के साथ, निर्णय प्रक्रिया अधिक तेज और स्पष्ट हो सकती है, जिससे स्विफ्ट पॉलिसी इम्प्लीमेंटेशन सुनिश्चित होता है। उदाहरण के लिए, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक संक्षिप्त मंत्रिमंडल का गठन किया, जिससे नीति कार्यान्वयन में सुधार हुआ, लेकिन यह प्रतिनिधित्व की कमी और सीमित विशेषज्ञता की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है।
3. संतुलित दृष्टिकोण: सरकारी कार्यों और प्रधानमंत्री की प्रबंधन क्षमता के अनुसार मंत्रिमंडल का आकार संतुलित होना चाहिए। मंत्रिमंडल का आकार इतना होना चाहिए कि वह आवश्यक प्रतिनिधित्व और विशेषज्ञता प्रदान कर सके, जबकि प्रभावी प्रबंधन और निर्णय लेने की क्षमता को भी बनाए रखे।
निष्कर्ष: सरकार की दक्षता मंत्रिमंडल के आकार से प्रतिलोमतः संबंधित होती है, लेकिन यह केवल एक पहलू है। मंत्रिमंडल का आकार सही ढंग से प्रबंधन, नीति कार्यान्वयन की क्षमता, और संसाधनों के कुशल उपयोग के साथ संतुलित होना चाहिए।