संसद और उसके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां (इम्यूनिटीज़), जैसे कि वे संविधान की धारा 105 में परिकल्पित हैं, अनेकों असंहिताबद्ध (अन-कोडिफाइड) और अ-परिगणित विशेषाधिकारों के जारी रहने का स्थान खाली छोड़ देती हैं। संसदीय विशेषाधिकारों के विधिक संहिताकरण की अनुपस्थिति के कारणों का आकलन कीजिये। इस समस्या का क्या समाधान निकाला जा सकता है ? (200 words) [UPSC 2014]
भारतीय संविधान की धारा 105 संसद और उसके सदस्यों को विशेषाधिकार और उन्मुक्तियों (इम्यूनिटीज़) की सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन इन विशेषाधिकारों का विधिक संहिताकरण (कोडिफिकेशन) की अनुपस्थिति ने कई समस्याएँ उत्पन्न की हैं।
विशेषाधिकारों के विधिक संहिताकरण की अनुपस्थिति के कारण:
समाधान:
इन उपायों से संसदीय विशेषाधिकारों को स्पष्ट और व्यवस्थित किया जा सकता है, जिससे कानूनी पारदर्शिता और कार्यकुशलता में सुधार होगा।