“भारत में निर्धनता न्यूनीकरण कार्यक्रम तब तक केवल दर्शनीय वस्तु बने रहेंगे जब तक कि उन्हें राजनैतिक इच्छाशक्ति का सहारा नहीं मिलता है।” भारत में प्रमुख निर्धनता न्यूनीकरण कार्यक्रमों के निष्पादन के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 words) [UPSC 2017]
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भारत में निर्धनता न्यूनीकरण के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जिनका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच को बढ़ावा देना रहा है। हालांकि, इन कार्यक्रमों की प्रभावशीलता अक्सर सीमित रही है, और इसका प्रमुख कारण राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी है। जब तक इन कार्यक्रमों को मजबूत राजनैतिक समर्थन नहीं मिलता, वे केवल कागज़ी योजनाएँ बनकर रह जाते हैं।
प्रमुख निर्धनता न्यूनीकरण कार्यक्रम:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): 2005 में शुरू हुआ यह कार्यक्रम ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों की गारंटीशुदा रोजगार प्रदान करता है। इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाने और पलायन कम करने में योगदान दिया है। लेकिन, मजदूरी भुगतान में देरी, भ्रष्टाचार, और स्थानीय स्तर पर समुचित क्रियान्वयन की कमी ने इसकी संभावनाओं को सीमित कर दिया है। जहां राजनैतिक समर्थन मिला, वहां इसका बेहतर क्रियान्वयन हुआ है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS): PDS का उद्देश्य निर्धन परिवारों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराना है। इस योजना ने भूखमरी कम करने में मदद की है, लेकिन इसकी कार्यक्षमता को inefficiency, लीकेज, और भ्रष्टाचार से प्रभावित किया गया है। जहां राज्य सरकारों ने इसे सुधारने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति दिखाई, वहां यह प्रभावी सिद्ध हुई, जैसे छत्तीसगढ़ में।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): इस योजना का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धन परिवारों को सस्ते मकान उपलब्ध कराना है। हालांकि, लक्ष्य और उपलब्धि के बीच बड़ा अंतर दर्शाता है कि इसकी गति और सफलता राजनैतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM): यह कार्यक्रम स्व-रोजगार को बढ़ावा देने और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के गठन पर केंद्रित है। इस योजना ने महिलाओं को सशक्त करने और ग्रामीण आय में वृद्धि करने में मदद की है, लेकिन इसका प्रभाव जमीनी स्तर पर राजनैतिक समर्थन और संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है।
निष्कर्ष:
निर्धनता न्यूनीकरण कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन राजनैतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। जहां राजनैतिक नेतृत्व ने इन योजनाओं को समर्थन और संसाधन उपलब्ध कराए, वहां ये योजनाएँ प्रभावी साबित हुईं। इसके विपरीत, जहां राजनैतिक संकल्प की कमी रही, वहां ये योजनाएँ केवल दर्शनीय वस्तु बनकर रह गईं। निर्धनता उन्मूलन के लिए इन कार्यक्रमों को मजबूत, निरंतर और दृढ़ राजनैतिक समर्थन की आवश्यकता है, ताकि ये वास्तव में समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।