“भारत में स्थानीय स्वशासन पद्धति, शासन का प्रभावी साधन साबित नहीं हुई है।” इस कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा स्थिति में सुधार के लिए अपने विचार प्रस्तुत कीजिए। (150 words) [UPSC 2017]
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स्थानीय स्वशासन पद्धति की प्रभावशीलता: समालोचनात्मक परीक्षण
स्थानीय स्वशासन (Panchayati Raj और नगर निगम) भारत में शासन का प्रभावी साधन बनने में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है:
1. वित्तीय संसाधनों की कमी: स्थानीय निकायों को अक्सर अपर्याप्त बजट और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे वे बुनियादी सेवाएँ और विकास योजनाएँ प्रभावी ढंग से लागू नहीं कर पाते।
2. शक्तियों का संकुचन: स्थानीय निकायों को आवश्यक शक्ति और स्वायत्तता नहीं दी गई है। राज्य सरकारें कई बार स्थानीय स्वायत्तता पर अंकुश लगाती हैं।
3. प्रशासनिक अक्षमता: स्थानीय निकायों में प्रशासनिक क्षमता और तकनीकी विशेषज्ञता की कमी होती है, जो उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।
स्थिति में सुधार के सुझाव:
1. वित्तीय स्वायत्तता: स्थानीय निकायों को अधिक वित्तीय स्वायत्तता और संसाधन प्रदान किए जाएं, जैसे कि केंद्रीय और राज्य वित्तीय सहायता।
2. शक्तियों का विकेंद्रीकरण: स्थानीय निकायों को अधिक शक्ति और निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी जाए।
3. क्षमता निर्माण: प्रशासनिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर स्थानीय निकायों की क्षमता और कार्यकुशलता को बढ़ाया जाए।
इन सुधारों से स्थानीय स्वशासन पद्धति को अधिक प्रभावी और नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनाया जा सकता है।