इस समय जारी अमरीका-ईरान नाभिकीय समझौता विवाद भारत के राष्ट्रीय हितों को किस प्रकार प्रभावित करेगा? भारत को इस स्थिति के प्रति क्या रवैया अपनाना चाहिए? (250 words) [UPSC 2018]
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अमरीका-ईरान नाभिकीय समझौता विवाद और भारत के राष्ट्रीय हित
अमरीका-ईरान नाभिकीय समझौता विवाद (JCPOA) भारत के राष्ट्रीय हितों को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है:
1. ऊर्जा सुरक्षा: भारत, जो एक प्रमुख ऊर्जा आयातक है, ईरान से तेल और गैस के आपूर्तिकर्ता पर निर्भर है। ईरान पर प्रतिबंधों की स्थिति में ऊर्जा कीमतें बढ़ सकती हैं, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर असर डाल सकती है।
2. व्यापार और निवेश: ईरान के साथ वाणिज्यिक संबंधों और निवेश में बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इससे भारतीय कंपनियों की व्यापारिक गतिविधियाँ प्रभावित हो सकती हैं, विशेषकर उद्योगों और बुनियादी ढांचे में।
3. क्षेत्रीय स्थिरता: ईरान और अमरीका के बीच तनाव क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारत की सुरक्षा और भूराजनीतिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर पड़ोसी देशों में।
भारत को अपनाने योग्य रवैया:
1. संतुलित दृष्टिकोण: भारत को संतुलित और तटस्थ दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो न केवल अमेरिका और ईरान के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखे, बल्कि भारत की आर्थिक और सुरक्षा आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखे।
2. ऊर्जा विविधता: भारत को ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण करना चाहिए, ताकि किसी एक आपूर्तिकर्ता पर निर्भरता कम हो और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
3. कूटनीतिक सक्रियता: भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रहकर, कूटनीतिक संवाद को बढ़ावा देना चाहिए और वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में योगदान देना चाहिए।
इस प्रकार, भारत को एक सवेंदनशील और समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाते हुए अपनी आर्थिक और सुरक्षा प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।