आप इस मत से कहाँ तक सहमत है कि भूख के मुख्य कारण के रूप में खाद्य की उपलब्धता में कमी पर फोकस, भारत में अप्रभावी मानव विकास नीतियों से ध्यान हटा देता है? (250 words) [UPSC 2018]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
खाद्य उपलब्धता बनाम मानव विकास नीतियाँ: भारत की स्थिति
खाद्य की उपलब्धता में कमी को भूख के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है, लेकिन यह दृष्टिकोण भारत में अप्रभावी मानव विकास नीतियों से ध्यान हटा सकता है। इस परिदृश्य की समालोचना निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित है:
1. खाद्य आपूर्ति की कमी: खाद्य उपलब्धता की कमी निश्चित रूप से भूख के प्रमुख कारणों में से एक है। खाद्य आपूर्ति में कमी, असमान वितरण, और उत्पादन में कमी भूख और कुपोषण को जन्म देती है। भारत में खाद्य सुरक्षा योजनाएं जैसे पीडीएस (Public Distribution System) और आशा (Integrated Child Development Services) का उद्देश्य इन मुद्दों को संबोधित करना है।
2. मानव विकास नीतियाँ: खाद्य सुरक्षा के अलावा, मानव विकास नीतियाँ जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, और आजीविका विकास भी भूख और कुपोषण को प्रभावित करती हैं। यदि ये नीतियाँ प्रभावी नहीं हैं, तो खाद्य उपलब्धता के बावजूद संपूर्ण पोषण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, शिक्षा का अभाव, और आर्थिक असमानता भी भूख और कुपोषण के बड़े कारक हैं।
3. नीतिगत विफलताएँ: कई बार, मानव विकास नीतियाँ गरीबी और कुपोषण की जड़ों को गहराई से समझने में विफल रहती हैं। कार्यक्रमों और नीतियों का समन्वय और विवेकपूर्ण कार्यान्वयन जरूरी है।
4. खाद्य सुरक्षा और मानव विकास का संबंध: खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, नीतियाँ समग्र विकास की दिशा में होना चाहिए। सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा की नीतियों को भी प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि नागरिकों को केवल भोजन ही नहीं बल्कि एक स्वस्थ जीवन और सशक्त भविष्य मिल सके।
उपसंहार: खाद्य की उपलब्धता में कमी महत्वपूर्ण है, लेकिन भारत में भूख और कुपोषण के मुद्दों को पूरी तरह से सुलझाने के लिए मानव विकास नीतियों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। केवल खाद्य सुरक्षा के उपायों के बजाय, समग्र मानव विकास की दिशा में काम करना जरूरी है ताकि हर व्यक्ति को पोषण, शिक्षा, और स्वास्थ्य की सही सुविधाएँ मिल सकें।