आप यह क्यों सोचते हैं कि समितियाँ संसदीय कार्यों के लिए उपयोगी मानी जाती हैं? इस संदर्भ में प्राक्कलन समिति की भूमिका की विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2018]
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‘समितियाँ संसदीय कार्यों के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती हैं।’ इसका मुख्य कारण यह है कि संसद के पास सीमित समय होता है और वह सभी मुद्दों पर गहनता से विचार नहीं कर पाती। समितियाँ इस कार्य को आसान बनाती हैं। वे विभिन्न विषयों पर गहराई से अध्ययन करती हैं, विशेषज्ञों से राय लेती हैं और फिर संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करती हैं।
‘प्राक्कलन समिति’ ऐसी ही संसदीय समिति है जो बजट में सरकार द्वारा प्रस्तावित व्यय के अनुमानों की जांच करती है। यह यह सुनिश्चित करती है कि सरकार का पैसा सही तरीके से खर्च किया जा रहा है और कोई भी धनराशि का दुरुपयोग नहीं हो रहा है। यह समिति सरकार को किफायती तरीके से काम करने के लिए सुझाव भी देती है।
रोल:
प्राक्कलन समिति का काम इस प्रकार है:
-बजट का विश्लेषण: यह समिति बजट में दिए गए आंकड़ों का विस्तृत विश्लेषण करती है और यह सुनिश्चित करती है कि ये आंकड़े सही हैं।
सरकारी खर्च की जांच: यह समिति सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च की जांच करती है और यह सुनिश्चित करती है कि यह खर्च आवश्यक है और सही तरीके से किया जा रहा है।
-बजट पर जोर: यह समिति सरकार को किफायति से काम करने के लिए सुझाव देती है ताकि पैसे का दुरुपयोग न हो।
-जनता का हित: प्राक्कलन समिति जनता के हित में काम करती और यही कारण है कि यह सरकार के पैसे का सही व्यय करता है।
निष्कर्ष: प्राक्कलन समिति संसदीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सरकार को जवाबदेह बनाती है और यह सुनिश्चित करती है कि जनता का पैसा सही तरीके से खर्च किया जा रहा है।