‘भारत और यूनाइटेड स्टेट्स के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अपनी वैश्विक रणनीति में अभी तक भी भारत के लिए किसी ऐसे स्थान की खोज करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्वाकांक्षा को संतुष्ट कर सके।’ उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए । (250 words) [UPSC 2019]
भारत और यूनाइटेड स्टेट्स (अमेरिका) के बीच संबंधों में खटास का एक मुख्य कारण यह है कि वाशिंगटन अपनी वैश्विक रणनीति में भारत को ऐसा स्थान प्रदान करने में विफल रहा है जो भारत के आत्म-सम्मान और महत्वाकांक्षाओं को पूरी तरह से संतुष्ट कर सके। इस विषय पर विचार करते हुए, निम्नलिखित बिंदुओं और उदाहरणों के माध्यम से इसे स्पष्ट किया जा सकता है:
1. अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताएँ:
अमेरिका ने अपनी वैश्विक रणनीति में कई बार चीन को एक प्रमुख प्रतिस्पर्धी के रूप में देखा है। इसके परिणामस्वरूप, भारत को अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं में अपेक्षित स्थान नहीं मिल सका। डिफेंस और सुरक्षा सहयोग के बावजूद, अमेरिका ने भारत के साथ एक व्यापक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप स्थापित करने में धीमी गति दिखाई है, जिससे भारत की महत्वाकांक्षाओं को पूरी तरह से साकार नहीं किया जा सका।
2. व्यापारिक विवाद:
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक विवादों ने भी संबंधों में खटास का योगदान किया है। उदाहरण के लिए, ट्रेड पॉलिसी और शुल्क के मुद्दों पर भारत और अमेरिका के बीच मतभेद रहे हैं। अमेरिका ने भारत के व्यापारिक नीतियों और संरक्षणवादी दृष्टिकोण पर आलोचना की है, जिससे व्यापारिक रिश्तों में तनाव उत्पन्न हुआ है।
3. आंतरराष्ट्रीय मंच पर भिन्न दृष्टिकोण:
भारत और अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय मंच पर भिन्न दृष्टिकोण भी खटास का कारण बने हैं। परमाणु संधि, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर विभिन्न दृष्टिकोणों के कारण भारत को अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिए, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका का समर्थन ठोस नहीं रहा है, जिससे भारत की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में बाधा आई है।
4. अमेरिकी रणनीति की सीमाएँ:
अमेरिका की वैश्विक रणनीति में भारत के लिए विशिष्ट और महत्वपूर्ण स्थान की कमी ने भारत को नाराज किया है। अमेरिका ने साल 2021 में अफगानिस्तान से अपनी वापसी के दौरान भारत की चिंताओं और प्राथमिकताओं को पूरी तरह से नहीं समझा, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी हुई।
5. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में असंतोष:
क्लाइमेट चेंज और इंटेलिजेंस शेरिंग जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भी भारत को पर्याप्त सहयोग नहीं मिला। इसने भारत को असंतुष्ट किया है और अमेरिका के साथ उसके संबंधों में खटास को बढ़ाया है।
इस प्रकार, अमेरिका की वैश्विक रणनीति में भारत को उचित स्थान प्रदान करने में विफलता के कारण भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में खटास आई है। भारत की आत्म-सम्मान और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, अमेरिका को अपनी नीति और सहयोग में बदलाव करना होगा।