क्षमा कोई कभी-कभार किया जाने वाला कार्य नहीं है। यह एक स्थायी अभिवृत्ति है।” मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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मार्टिन लूथर किंग, जूनियर का उद्धरण, “क्षमा कोई कभी-कभार किया जाने वाला कार्य नहीं है। यह एक स्थायी अभिवृत्ति है,” यह इंगित करता है कि क्षमा केवल एक अवसर पर किया गया कार्य नहीं होता, बल्कि यह एक गहरी और निरंतर मानसिकता है।
इसका तात्पर्य है कि क्षमा एक आदत और मानसिकता का हिस्सा होना चाहिए, न कि सिर्फ एक अस्थायी प्रतिक्रिया। यह समाज में सद्भाव और समझ को प्रोत्साहित करता है, क्योंकि जब क्षमा एक स्थायी अभिवृत्ति बन जाती है, तो लोग निरंतर दूसरों की गलतियों को समझने और माफ करने की कोशिश करते हैं।
इस दृष्टिकोण से, क्षमा केवल व्यक्तिगत संबंधों में ही नहीं बल्कि सामूहिक स्तर पर भी समाज में सामंजस्य और शांति को बढ़ावा देती है। स्थायी रूप से क्षमाशील होना न केवल हमें व्यक्तिगत शांति प्रदान करता है बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।