दिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग सुर्खियों में रहा है। इसके पीछे के कारणों की पहचान करते हुए इसके व्यापक प्रभाव पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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दिल्ली और आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग मुख्यतः जल प्रदूषण के कारण होता है। इस झाग का मुख्य कारण नदी में अत्यधिक मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट, रसायन, और घरेलू गंदगी का मिलना है। शीत ऋतु में कम तापमान और उच्च आर्द्रता के कारण इन प्रदूषकों के साथ बायोलॉजिकल ऑक्सिजन डिमांड (BOD) और कैलोरेस्ट्रेटिव स्ट्रिप्स (COD) के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे झाग का निर्माण होता है।
इसके व्यापक प्रभावों में जल की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट, जलीय जीवन के लिए खतरा, और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव शामिल हैं। प्रदूषित जल से बीमारियों का खतरा बढ़ता है, और यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है। इसके समाधान के लिए प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और नदी संरक्षण उपायों की आवश्यकता है।
दिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग मुख्यतः जल प्रदूषण के कारण होता है। यह झाग आमतौर पर उद्योगों से निकलने वाले रसायनों, साबुन और अन्य रासायनिक अपशिष्टों की वजह से बनता है, जो नदी के पानी में घुल जाते हैं। सर्दी के मौसम में, ठंड और कम हवा की गति के कारण झाग का संचय बढ़ जाता है और यह अधिक स्पष्ट हो जाता है।
इसके व्यापक प्रभावों में शामिल हैं:
1. **स्वास्थ्य समस्याएँ**: झाग में मौजूद विषैले रसायन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे त्वचा की समस्याएं और सांस की बीमारियाँ हो सकती हैं।
2. **पारिस्थितिकी तंत्र का नुकसान**: झाग और प्रदूषित जल जलीय जीवन के लिए हानिकारक होते हैं, जिससे मछलियों और अन्य जलजीवों की मौत हो सकती है।
3. **सामाजिक प्रभाव**: झाग के कारण पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठता है, जो लोगों के जीवन और पेयजल स्रोतों को प्रभावित करता है।
इस समस्या के समाधान के लिए प्रदूषण नियंत्रण और बेहतर जल प्रबंधन की आवश्यकता है।