प्रमुख व्यक्तित्वों में, सरदार वल्लभभाई पटेल का भारत की एकता में योगदान निर्विवाद है। चर्चा कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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**सरदार वल्लभभाई पटेल** का भारत की एकता में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्विवाद है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और ‘सहयोगी’ के रूप में पटेल ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं:
1. **राज्य विलय**: स्वतंत्रता के समय, भारत में 562 स्वतंत्र राज्य थे। पटेल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और वजीर हैदर के साथ मिलकर सभी राज्यों को भारतीय संघ में समाहित करने की प्रक्रिया को सुगम और सफलतापूर्वक संपन्न किया। उन्होंने अपनी कूटनीति और दबाव की रणनीति से लगभग सभी रियासतों को भारत में विलीन किया।
2. **संगठनात्मक क्षमताएँ**: पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर संगठनात्मक सुधार किए और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एकता बनाए रखने के लिए विभिन्न धार्मिक और जातीय समूहों को एकत्रित किया।
3. **सार्वभौम विकास**: पटेल ने भूमि सुधार और सामाजिक न्याय के प्रयासों को बल दिया, जिससे भारतीय समाज में एकता और स्थिरता को बढ़ावा मिला।
इन प्रयासों के लिए, पटेल को ‘सरदार’ (देश का सरदार) की उपाधि मिली, और उनका योगदान आज भी भारतीय एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें “लौह पुरुष” के रूप में जाना जाता है, का भारत की एकता में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, पटेल ने भारतीय राज्य व्यवस्था को एकजुट करने और विभाजन के दौर में देश की अखंडता बनाए रखने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए।
विभाजन और एकीकरण: 1947 में स्वतंत्रता के बाद, भारत में 565 स्वतंत्र रियासतें थीं। पटेल ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ और कूटनीति का उपयोग कर इन्हें भारतीय संघ में शामिल किया। उन्होंने रियासतों के शासकों से प्रभावी बातचीत की और उन्हें भारतीय संघ में शामिल होने के लिए राजी किया, जिससे एक सशक्त और एकीकृत भारत का निर्माण हुआ।
सैनिक और प्रशासनिक उपाय: पटेल ने भारतीय सेना और प्रशासन का उपयोग करके कई रियासतों को शांतिपूर्वक भारतीय संघ में लाने में मदद की, जैसे जम्मू-कश्मीर और हैदराबाद।
पटेल की नेतृत्व क्षमता और दृढ़ संकल्प ने एक सशक्त और एकीकृत भारत की नींव रखी, और उन्हें भारतीय एकता के वास्तुकार के रूप में मान्यता प्राप्त है।