नगर निगमों की सीमित राजस्व सूजन क्षमता के कारण राज्यों के करों और अनुदानों पर उनकी निर्भरता बढ़ गई है। इस प्रवृत्ति से जुड़े हुए मुद्दे क्या हैं? भारत में नगर निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए किन उपायों की मावश्यकता है? (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
नगर निगमों की सीमित राजस्व सूजन क्षमता के कारण राज्यों के करों और अनुदानों पर निर्भरता बढ़ गई है, जिससे कई मुद्दे उत्पन्न हुए हैं:
वित्तीय आत्मनिर्भरता की कमी: नगर निगमों की राजस्व-सृजन क्षमताएँ सीमित होती हैं, जिससे उन्हें राज्यों और केंद्र से अनुदानों पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे स्थानीय विकास परियोजनाओं और सेवाओं की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
वेतन और पेंशन का दबाव: नगर निगमों को कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के लिए सीमित संसाधनों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी संचालन क्षमता प्रभावित होती है।
विकास कार्यों की कमी: अनुदानों पर निर्भरता से नगर निगमों को स्थायी और प्रभावी विकास योजनाओं को लागू करने में कठिनाई होती है, जो स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास को प्रभावित करता है।
प्रशासनिक दक्षता की कमी: लगातार वित्तीय सहायता की आवश्यकता से प्रशासनिक दक्षता और स्वायत्तता में कमी आती है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रियाएँ धीमी और जटिल हो जाती हैं।
नगर निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए निम्नलिखित उपाय आवश्यक हैं:
स्थानीय कराधान सुधार: नगर निगमों को नए स्रोतों से राजस्व उत्पन्न करने के लिए स्वायत्तता दी जानी चाहिए। जैसे, स्थानीय करों की दरों को बढ़ाना और नई कर नीतियों को अपनाना।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: कर संग्रहण और वित्तीय प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना चाहिए, जैसे कि ई-गवर्नेंस और डिजिटल भुगतान प्रणालियाँ।
स्थायी वित्तीय योजना: नगर निगमों को लंबी अवधि की वित्तीय योजनाएँ तैयार करने और संसाधनों के प्रबंधन में सुधार करने की आवश्यकता है।
वित्तीय सुधार आयोग: राज्यों द्वारा वित्तीय सुधार आयोगों का गठन किया जा सकता है जो नगर निगमों के वित्तीय प्रबंधन को सुधारने के लिए सुझाव दे सकें।
केंद्र और राज्य सहायता: केंद्र और राज्य सरकारों को नगर निगमों के लिए अनुदान और सहायता की प्रक्रिया को पारदर्शी और दक्ष बनाना चाहिए, ताकि फंड की आवंटन की प्रक्रिया में सुधार हो सके।
इन उपायों से नगर निगमों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता और संसाधनों की स्थिरता मिलेगी, जिससे स्थानीय सेवाओं और विकास कार्यों में सुधार संभव होगा।