“समावेशी संवृद्धि अब विकासात्मक रणनीति का केन्द्रबिन्दु बन गयी है।” भारत के सन्दर्भ में इस कथन की विवेचना कीजिए इस संवृद्धि की प्राप्ति हेतु उपचारात्मक सुझाव भी दीजिए (200 Words) [UPPSC 2022]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
समावेशी संवृद्धि का विकासात्मक रणनीति में केंद्रबिंदु
1. समावेशी संवृद्धि की परिभाषा: समावेशी संवृद्धि का तात्पर्य विकास की ऐसी प्रक्रिया से है, जो सभी वर्गों, विशेषकर अल्पसंख्यक और गरीब वर्गों, को लाभ पहुँचाती है। इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करना और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्रदान करना है।
2. भारत के संदर्भ में समावेशी संवृद्धि: भारत ने समावेशी संवृद्धि को अपनी विकासात्मक रणनीति का केंद्रीय तत्व माना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों ने गरीब और हाशिए पर स्थित लोगों के लिए आर्थिक सहायता और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया है। उज्ज्वला योजना ने गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किया, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हुआ।
3. उपचारात्मक सुझाव:
1. शिक्षा और कौशल विकास: समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को लागू किया जाना चाहिए। इसके तहत, कौशल विकास कार्यक्रमों को व्यापक रूप से फैलाया जाना चाहिए, ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
2. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सभी वर्गों तक बढ़ाने के लिए आयुष्मान भारत योजना को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए, ताकि गरीब परिवारों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएँ मिल सकें।
3. आर्थिक अवसरों का विस्तार: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता और अनुकूल नीतियाँ लागू की जानी चाहिए। इससे स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
4. सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क: सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को विस्तारित किया जाना चाहिए, जैसे महमारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिए खाद्य सुरक्षा और रोजगार सुरक्षा योजनाएँ।
निष्कर्ष: समावेशी संवृद्धि भारत की विकासात्मक रणनीति का केंद्रीय तत्व है, जो सभी वर्गों के लिए समान अवसर प्रदान करने पर जोर देता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक अवसर, और सामाजिक सुरक्षा में सुधार के माध्यम से इस लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सकती है।