क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक सुधार के बाद की अवधि में उच्च आर्थिक संवृद्धि के परिणामस्वरूप संवृद्धि का लाभ हाशिए पर मौजूद वर्गों तक नहीं पहुंच पाया है, जिससे समावेशी विकास चिंता का एक प्रमुख विषय बन गया है? अपने उत्तर का औचित्य सिद्ध </strong><strong>कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
हाँ, यह कहना उचित है कि आर्थिक सुधार के बाद की अवधि में उच्च आर्थिक संवृद्धि के परिणामस्वरूप संवृद्धि का लाभ हाशिए पर मौजूद वर्गों तक नहीं पहुंच पाया है, और समावेशी विकास एक प्रमुख चिंता बन गया है। इसके औचित्य के निम्नलिखित कारण हैं:
आय असमानता: आर्थिक सुधारों ने समग्र GDP वृद्धि को बढ़ाया, लेकिन इस वृद्धि का लाभ अमीर वर्गों और बड़े शहरों तक सीमित रहा, जबकि गरीब और हाशिए पर मौजूद वर्गों को इसका समान लाभ नहीं मिला।
संवृद्धि का असमान वितरण: शहरी क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों में अधिक निवेश होने से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में विकास की दर धीमी रही, जिससे असमानता बढ़ी।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: हाशिए पर मौजूद वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाया।
इन कारणों से, समावेशी विकास, जो हर वर्ग को आर्थिक लाभ और अवसर प्रदान करता है, चिंता का एक प्रमुख विषय बन गया है।