करुणा और सहिष्णुता अनिवार्यताएं हैं, विलासिता नहीं क्योंकि इनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती। करुणा और सहिष्णुता के मूल्य किसी लोक सेवक के दैनिक काम-काज में कैसे सहायता करते हैं? उपयुक्त उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
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करुणा और सहिष्णुता लोक सेवक के दैनिक काम-काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मूल्य उनके कार्यों को अधिक प्रभावी और संवेदनशील बनाते हैं।
1. करुणा: करुणा लोक सेवकों को समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करती है। उदाहरण के तौर पर, एक सामाजिक कार्यकर्ता जो गरीबों की सहायता करता है, करुणा के माध्यम से उनकी वास्तविक ज़रूरतों को पहचानता है और उपयुक्त सहायता प्रदान करता है, जिससे उनके जीवन में सुधार होता है।
2. सहिष्णुता: सहिष्णुता लोक सेवकों को विभिन्न दृष्टिकोणों और समस्याओं को समझने और स्वीकारने की क्षमता देती है। एक सरकारी अधिकारी जो विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक समूहों के साथ काम करता है, सहिष्णुता से भरे दृष्टिकोण को अपनाकर समन्वय और संवाद को आसान बनाता है, जिससे सामाजिक सामंजस्य बनाए रखा जा सकता है।
इन मूल्यों के माध्यम से लोक सेवक अधिक प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान कर सकते हैं, समाज में समरसता और सहानुभूति को बढ़ावा दे सकते हैं।