संधारणीय फसल उत्पादन के लिए नैनो-उर्वरकों के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ क्या हैं? भारतीय किसानों द्वारा नैनो-उर्वरकों को अपनाने में आने वाली समस्याओं का उल्लेख कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दें)
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संधारणीय फसल उत्पादन के लिए नैनो-उर्वरकों के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। आर्थिक लाभ में, नैनो-उर्वरक फसल की उत्पादकता बढ़ाते हैं, जिससे किसान की उपज बढ़ती है और लागत में कमी आती है क्योंकि इन्हें कम मात्रा में उपयोग किया जाता है। ये उर्वरक फसलों की पोषक तत्वों की उपयोगिता को बढ़ाते हैं और रसायनों के उपयोग को कम करते हैं।
पर्यावरणीय लाभ में, नैनो-उर्वरक कम मात्रा में अधिक प्रभावी होते हैं, जिससे मृदा और जल प्रदूषण में कमी आती है। ये उर्वरक मिट्टी के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में योगदान करते हैं।
भारतीय किसानों द्वारा नैनो-उर्वरकों को अपनाने में प्रमुख समस्याएँ हैं:
उच्च लागत: प्रारंभिक लागत अधिक होने के कारण, छोटे किसानों के लिए इसे अपनाना चुनौतीपूर्ण होता है।
जानकारी की कमी: नैनो-उर्वरकों के लाभ और उपयोग के बारे में किसानों में जागरूकता की कमी है।
प्रौद्योगिकी की पहुँच: ग्रामीण क्षेत्रों में नैनो-उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण सीमित है।
इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार और संगठनों को किसानों को प्रशिक्षित करने और उचित सब्सिडी प्रदान करने की आवश्यकता है।