जेट धाराएं भारत और विश्व की जलवायु को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उदाहरण सहित चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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जेट धाराओं की भूमिका भारत और विश्व की जलवायु में
जेट धाराएं (Jet Streams) उच्च ऊंचाई पर बहने वाली तीव्र वायुपथ होती हैं, जो विश्व की जलवायु को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं सामान्यतः 9 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं और ये पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती हैं।
भारत में प्रभाव
भारत में, जेट धाराओं का प्रभाव खासकर मानसून और शीतकालीन मौसम पर देखा जाता है। उत्तरी गोलार्ध में पश्चिमी जेट धारा (Western Jet Stream) मानसून की गति और पैटर्न को प्रभावित करती है। जब यह धारा भारत के ऊपर से बहती है, तो यह मानसून की बारिश को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, 2002 और 2006 में जेट धाराओं की असामान्य स्थिति के कारण भारत में मानसून की वर्षा की तीव्रता और वितरण में विसंगतियाँ आईं।
विश्व में प्रभाव
जेट धाराएं विश्व के विभिन्न हिस्सों की जलवायु को भी प्रभावित करती हैं। अमेरिका में, ये धाराएं आर्कटिक वायु की घुसपैठ को नियंत्रित करती हैं। जब जेट धारा दक्षिण की ओर खिसकती है, तो अमेरिका के मध्य और पूर्वी हिस्सों में ठंडी हवाएँ और सर्दियों की तीव्रता बढ़ जाती है, जैसा कि 2014-15 में देखा गया था। इसके विपरीत, जब जेट धारा उत्तर की ओर बढ़ती है, तो दक्षिणी अमेरिका में गर्म हवाएँ फैल जाती हैं।
निष्कर्ष
इस प्रकार, जेट धाराएं वैश्विक और स्थानीय जलवायु पैटर्न को प्रभावित करती हैं, जिससे मौसम की असामान्य परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इनके प्रभाव को समझना जलवायु परिवर्तन और मौसम की भविष्यवाणी में महत्वपूर्ण है।